पूर्णिया : बिहार बोर्ड मैट्रिक (कक्षा 10) की परीक्षा में अच्छे अंक न आने पर पूर्णिया जिले की 15 वर्षीय छात्रा ने जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश की। छात्रा की पहचान अमौर थाना अंतर्गत छपरैली गांव निवासी विद्यानंद विश्वास की बेटी गुड़िया कुमारी के रूप में हुई है। 29 मार्च को उसका रिजल्ट घोषित होने के बाद वह बहुत दुखी थी। उसे उम्मीद थी कि वह अच्छे नंबरों से पास होगी, लेकिन जब उसे केवल थर्ड डिवीजन मिला तो उसका दिल टूट गया।

निराशाजनक नतीजों से उज्ज्वल भविष्य बिखर गया
सरकारी स्कूल की छात्रा गुड़िया ने पूरे साल लगन से पढ़ाई की थी और उसके परिवार को उसके प्रदर्शन से बहुत उम्मीदें थीं। उसके पिता किसान हैं। उन्होंने बताया कि आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने अपने दो बेटों की तुलना में उसकी पढ़ाई को प्राथमिकता दी, जो खेती-बाड़ी में मदद करते थे। विद्यानंद ने आंसू रोकते हुए कहा, “हमने उसकी पढ़ाई में अपनी सारी उम्मीदें लगा दी थीं। उसने पूरी लगन से पढ़ाई की और हमें उम्मीद थी कि वह अच्छे नंबर लाएगी। लेकिन जब नतीजे आए तो वह टूट गई।” ### **नतीजों के बाद खुद को अलग-थलग कर लिया** जिस दिन से नतीजे घोषित हुए, गुड़िया ने खुद को कमरे में बंद कर लिया और लगातार रोती रही। उसने खाना-पीना बंद कर दिया, किसी से बात नहीं की और गंभीर अवसाद में चली गई। उसकी मां मनोरमा देवी ने बताया, “वह अपने नतीजों का बेसब्री से इंतजार कर रही थी, लेकिन जब उसने अपने नंबर देखे, तो वह सदमे में चली गई। हमने उसे सांत्वना देने की कोशिश की, लेकिन वह निराशा से उबर नहीं पाई।” ### **परिवार का सबसे बुरा सपना सामने आया** सोमवार को, जब परिवार के बाकी लोग खेतों में काम कर रहे थे, गुड़िया ने जहरीला कीटनाशक खा लिया। जब उसके माता-पिता वापस लौटे, तो उन्होंने उसे अपने कमरे में बेहोश पड़ा पाया, उसके मुंह से झाग निकल रहा था। उसके पास कीटनाशक की एक बोतल पड़ी थी। घबराए हुए उसके परिवार ने उसे तुरंत स्थानीय अस्पताल पहुंचाया, लेकिन उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे पूर्णिया के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) में रेफर कर दिया गया।

गंभीर हालत में जीवन के लिए संघर्ष कर रही है
जीएमसीएच के उपस्थित चिकित्सक डॉ. अवनीश आनंद ने पुष्टि की कि गुड़िया ने जहरीला कीटनाशक निगल लिया है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। उन्होंने कहा, “मरीज की स्थिति बेहद गंभीर है और हम उसे बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।”
शैक्षणिक दबाव की एक गंभीर याद
यह दुखद घटना छात्रों पर शैक्षणिक प्रदर्शन, खासकर प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर पड़ने वाले भारी दबाव को उजागर करती है। अपने परिवार के बार-बार आश्वासन के बावजूद, गुड़िया अपने परिणामों की निराशा को बर्दाश्त नहीं कर सकी, जिसके कारण उसने ऐसा कठोर कदम उठाया।
स्थानीय अधिकारियों ने घटना पर ध्यान दिया है, लेकिन अभी तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है। समुदाय शोक में है, कई लोग भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए छात्रों के लिए बेहतर मानसिक स्वास्थ्य सहायता और परामर्श की मांग कर रहे हैं।
गुड़िया अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है, उसका परिवार चमत्कार की प्रार्थना कर रहा है, जबकि वह इस कठोर वास्तविकता से जूझ रहा है कि कैसे शैक्षणिक तनाव युवा दिमागों को कगार पर धकेल सकता है।
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