वक्फ बिल के खिलाफ मुस्लिम समुदाय में गुस्सा और बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में 7 अप्रैल 2025 को पूर्णिया जिले के अमौर प्रखंड में एक विशाल पदयात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। यह पदयात्रा गेरवा चौक से रौटा बाजार तक आयोजित की गई, जिसकी अगुवाई एडवोकेट शहाबुजजमा भारतीय उर्फ लडडु ने की। वे जिला परिषद सदस्य (क्षेत्र संख्या 30) और जनसुराज पूर्णिया बिहार के जिला सचिव हैं।

प्रदर्शन का उद्देश्य:
प्रदर्शनकारियों ने काले बिल्ले लगाकर सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज किया। इस दौरान एडवोकेट शहाबुजजमा ने वक्फ बिल को मुसलमानों के धार्मिक स्थलों, जैसे मदरसे, मस्जिद और कब्रिस्तान पर गैर-कब्जे को कानूनी रूप देने की कोशिश करार दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह कानून मुसलमानों के हित के खिलाफ है और इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

विरोध का बढ़ता स्वर:
एडवोकेट शहाबुजजमा ने चेतावनी दी कि अगर सरकार इस बिल को वापस नहीं लेती है, तो उनका विरोध और भी व्यापक होगा। उन्होंने कहा, “हम इसे वापस करवाकर ही दम लेंगे।”
इस दौरान जन स्वराज पार्टी के युवा प्रवक्ता और पूर्व संयोजक इंजीनियर सायक नसतर उर्फ छोटू ने भी इस प्रदर्शन में भाग लिया। उन्होंने कहा, “यह बिल संविधान के खिलाफ है और सरकार को इसे तुरंत वापस ले लेना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो हम अपनी जान की बाजी लगाकर भी इस बिल का विरोध करते रहेंगे।”

प्रदर्शन में शामिल प्रमुख नेता और लोग:
इस प्रदर्शन में मौलाना अबूतलाह मुजाहरी, मोहम्मद अनवर, मोहम्मद कासिम, मोहम्मद तहजीब आलम समेत कई प्रमुख नेता और बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे। प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ, लेकिन यह स्पष्ट संकेत दे गया कि यदि सरकार ने इस बिल पर पुनर्विचार नहीं किया तो आंदोलन और भी व्यापक रूप ले सकता है।
निष्कर्ष:
वक्फ बिल के खिलाफ यह प्रदर्शन राज्य भर में मुस्लिम समुदाय के बढ़ते आक्रोश को दर्शाता है। प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट रूप से सरकार से इस बिल को वापस लेने की मांग की है और यदि उनकी मांग नहीं मानी जाती, तो आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है।
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