किशनगंज रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) की सतर्कता और तत्परता के कारण मानव तस्करी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की गई है। यह घटना रविवार रात करीब 11 बजे हुई, जब गश्त पर निकली आरपीएफ टीम ने पीआरएस काउंटर के पास एक संदिग्ध युवक और 16 वर्षीय किशोरी को घूमते हुए देखा। इस दौरान दोनों के बीच बातचीत संदिग्ध प्रतीत हुई, जिसके बाद दोनों को हिरासत में लिया गया और मामले की जांच शुरू की गई।

आरपीएफ की कार्रवाई
आरपीएफ इंस्पेक्टर हृदय लाल शर्मा ने बताया कि यह कार्रवाई ऑपरेशन AHTU (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट) के तहत की गई, जो मानव तस्करी के खिलाफ विशेष अभियान है। इस अभियान में एएसआई राजेंद्र बैठा और उनकी टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आरपीएफ टीम ने युवक से पूछताछ की, जिसके बाद युवक ने अपनी पहचान मोहम्मद अनामुल हक (24 वर्ष), निवासी भक्तिनगर, जलपाईगुड़ी (पश्चिम बंगाल) के रूप में दी। युवक के साथ मौजूद नाबालिग लड़की भी जलपाईगुड़ी की रहने वाली निकली और उसकी उम्र 16 वर्ष थी।
लापता होने की जानकारी और पुलिस की कार्रवाई
जांच में यह सामने आया कि लड़की 6 दिन पहले घर से लापता हो गई थी। परिजनों ने सिलीगुड़ी के प्रधान नगर थाना में केस संख्या 233/25 के तहत गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जैसे ही आरपीएफ को इस मामले की जानकारी मिली, तत्काल स्थानीय पुलिस को सूचित किया गया। एएसआई अनवर आबेदीन और उनकी टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों को अपनी अभिरक्षा में लिया और आरपीएफ से आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए दोनों को सौंप लिया।
सिलीगुड़ी पुलिस को सौंपा मामला
रेल पुलिस ने जरूरी कानूनी कार्रवाई पूरी करने के बाद नाबालिग लड़की और युवक को सिलीगुड़ी पुलिस के हवाले कर दिया। इसके बाद लड़की के परिजनों को घटना की सूचना दे दी गई है और जल्द ही उसे उसके परिवार के पास भेजा जाएगा।
रेल प्रशासन की सराहना
रेल प्रशासन ने आरपीएफ की तत्परता की सराहना की है और बताया कि ऑपरेशन AHTU के तहत रेलवे स्टेशन परिसरों में ऐसी संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी निगरानी लगातार जारी रहेगी। यह कार्रवाई मानव तस्करी के खिलाफ रेलवे की प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है।
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