नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा चार्जशीट दाखिल किए जाने के विरोध में बिहार के अररिया जिले के फारबिसगंज में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की अगुवाई स्थानीय कांग्रेस नेताओं और युवा कार्यकर्ताओं ने की, जो सोनिया-राहुल के समर्थन में सड़कों पर उतर आए।

स्टेशन परिसर से शुरू हुआ विरोध, स्टेशन चौक पर सभा में बदला
प्रदर्शन की शुरुआत फारबिसगंज रेलवे स्टेशन परिसर से हुई, जहां सैकड़ों की संख्या में जुटे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैनर, पोस्टर और झंडों के साथ मार्च निकाला। यह विरोध मार्च आगे चलकर स्टेशन चौक पर एक सभा में तब्दील हो गया, जहां कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार और ईडी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

कांग्रेस नेताओं का आरोप: “नेशनल हेराल्ड पर कब्ज़ा करना चाहती है मोदी सरकार”
सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार विपक्ष को डराने और कमजोर करने की मंशा से जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उनका कहना था कि नेशनल हेराल्ड कांग्रेस की ऐतिहासिक विरासत और पत्रकारिता की प्रतीक संस्था है, जिसे हड़पने की कोशिश की जा रही है।
नेताओं ने दावा किया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को झूठे केस में फंसाकर विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “यह कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध है, जिसमें लोकतंत्र की बुनियादी मर्यादाओं को भी दरकिनार किया जा रहा है।”
चार्जशीट में सोनिया गांधी आरोपी नंबर 1, राहुल गांधी नंबर 2
गौरतलब है कि 9 अप्रैल 2025 को ईडी ने दिल्ली स्थित राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को आरोपी नंबर 1 और राहुल गांधी को आरोपी नंबर 2 बनाया गया है। चार्जशीट में नेशनल हेराल्ड से जुड़े वित्तीय लेन-देन को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

सड़क से संसद तक लड़ाई की चेतावनी
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने “सड़क से संसद तक, हम इस झूठे केस का विरोध करेंगे” जैसे नारों से माहौल को राजनीतिक रंग दे दिया। उन्होंने ईडी की कार्रवाई को ‘लोकतंत्र पर हमला’ करार दिया और कहा कि यह आंदोलन केवल फारबिसगंज तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे देशव्यापी जनआंदोलन का रूप दिया जाएगा।
स्थानीय नेताओं की चेतावनी: ‘चार्जशीट वापस लो, वरना होगा राष्ट्रव्यापी आंदोलन’
सभा में शामिल कई स्थानीय नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि चार्जशीट को वापस नहीं लिया गया और राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बंद नहीं की गई, तो कांग्रेस कार्यकर्ता देशभर में आंदोलन को और तेज करेंगे। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता न केवल सड़कों पर उतरेंगे, बल्कि हर मंच से इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाएंगे।
निष्कर्ष:
फारबिसगंज में कांग्रेस का यह विरोध प्रदर्शन केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष की बढ़ती नाराजगी और एकजुटता का संकेत है। जैसे-जैसे नेशनल हेराल्ड केस की सुनवाई आगे बढ़ेगी, यह स्पष्ट होता जा रहा है कि कांग्रेस इस मुद्दे को राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सरकार पर दबाव बनाएगी।
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