वक्फ़ संशोधन कानून के खिलाफ किशनगंज में एक ऐतिहासिक और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की पूरी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। यह प्रदर्शन 20 अप्रैल को लहरा चौक पर आयोजित किया जाएगा, जहां बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की उम्मीद है। आयोजन स्थल पर भव्य पंडाल सजाया गया है और सुरक्षा से लेकर यातायात तक, हर स्तर पर तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं।

आयोजन में दिखेगी जनशक्ति
प्रदर्शन में सीमांचल के अलावा बिहार और अन्य राज्यों से भी लोगों के पहुंचने की संभावना है। आयोजकों ने बीते कुछ दिनों में ज़िले के हर प्रखंड में जनजागरूकता अभियान चलाकर लोगों को इस धरने का हिस्सा बनने की अपील की। उनका कहना है कि 20 अप्रैल की यह आवाज़ महज़ एक शुरुआत है — अगर कानून वापस नहीं हुआ, तो यह आंदोलन और तेज़ होगा।

क्यों हो रहा है विरोध?
वक्फ़ संशोधन कानून को लेकर मुस्लिम समुदाय में गहरी नाराज़गी है। विरोध करने वालों का मानना है कि यह कानून वक्फ़ संपत्तियों पर सरकार का नियंत्रण बढ़ाता है और अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों, खासकर धार्मिक स्वतंत्रता, पर सीधा हमला करता है। इसे एकतरफा और अलोकतांत्रिक कदम बताया जा रहा है।

सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतज़ाम
प्रशासन की निगरानी में ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर भी विशेष रूट तैयार किए गए हैं, ताकि पैदल आने वाले, आम लोग और वाहन बिना किसी रुकावट के पहुंच सकें। आयोजन स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय स्वयंसेवकों की टीम भी सक्रिय है।

एकता और लोकतंत्र का संदेश
इस विरोध प्रदर्शन को केवल एक समुदाय की बात नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के आंदोलन के रूप में देखा जा रहा है। आयोजकों ने सभी धर्मों, जातियों और समुदायों के नागरिकों से इसमें शामिल होने की अपील की है, ताकि देश में एकता, भाईचारा और लोकतांत्रिक मूल्यों को मज़बूती दी जा सके।