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नीतीश के गांव जाएंगे PK, ग्रामीणों से पूछेंगे तीखे सवाल

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अररिया: राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने एक बार फिर बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। मंगलवार को अररिया में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे 11 मई को नालंदा जिले के कल्याण बीगहा, यानी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक गांव, का दौरा करेंगे और वहां ग्रामीणों से तीन सीधे सवाल पूछेंगे।

प्रशांत किशोर ने कहा, “जातीय जनगणना के बाद जिन 94 हजार गरीब परिवारों को दो-दो लाख रुपये देने का वादा किया गया था, क्या उन्हें वह सहायता मिली? जिनके पास जमीन नहीं है, क्या उन्हें तीन डिसमिल जमीन दी गई? और क्या दाखिल-खारिज की प्रक्रिया भ्रष्टाचार से मुक्त है?” उन्होंने कहा कि इन सवालों के जवाब वे सीधे जनता से जानना चाहते हैं, और इसके लिए खुद गांव जाकर ज़मीनी सच्चाई की पड़ताल करेंगे।

नीतीश के गांव जाएंगे PK, ग्रामीणों से पूछेंगे तीखे सवाल
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बिहार बदलाव यात्रा का ऐलान

प्रशांत किशोर ने इसी प्रेस वार्ता में घोषणा की कि वे 20 मई से ‘बिहार बदलाव यात्रा’ की शुरुआत करेंगे। यह यात्रा पश्चिम चंपारण के सिताब दियारा से शुरू होगी। किशोर ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य है राज्य के कोने-कोने में जाकर जनता से संवाद स्थापित करना और शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसे जन सरोकार के मुद्दों को केंद्र में लाना।

उन्होंने कहा, “बिहार में असली मुद्दों को जानबूझकर दबाया जा रहा है। मैं उन लोगों के बीच जाऊंगा जिन्हें सरकार ने लंबे समय से नजरअंदाज किया है। यह यात्रा सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव की शुरुआत होगी।”

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केंद्र और राज्य सरकारों पर निशाना

प्रशांत किशोर ने केंद्र सरकार के वक्फ कानून को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह कानून समाज में डर का माहौल बनाने के लिए लाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) और एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) पर भी सवाल खड़े किए।

उन्होंने पूछा, “इन कानूनों को लागू हुए चार साल हो गए, लेकिन अब तक न किसी हिंदू को नागरिकता मिली और न ही किसी मुसलमान को देश से निकाला गया। फिर इस कानून का उद्देश्य क्या था?”

नीतीश के गांव जाएंगे PK, ग्रामीणों से पूछेंगे तीखे सवाल
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राजद को भी नहीं बख्शा

केवल सत्ता पक्ष ही नहीं, प्रशांत किशोर ने राजद (राष्ट्रीय जनता दल) पर भी हमला बोला। उन्होंने सीमांचल के मुस्लिम समुदाय की शिक्षा और रोजगार को लेकर सवाल उठाते हुए कहा, “राजद ने वर्षों तक इस समुदाय के वोट लिए, लेकिन क्या कभी सीमांचल के मुस्लिम बच्चों की शिक्षा और रोज़गार की चिंता की?”


सारांश:
प्रशांत किशोर की यह रणनीति स्पष्ट रूप से बताती है कि वे न केवल मौजूदा सरकारों की नीतियों को चुनौती देना चाहते हैं, बल्कि जनता से सीधा संवाद स्थापित कर एक नए राजनीतिक विमर्श की शुरुआत करना चाहते हैं। अब देखना होगा कि नीतीश कुमार के गांव में जाकर सवाल पूछने की यह रणनीति उन्हें कितनी राजनीतिक धार देती है।

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