बिहार के अररिया जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी और महत्वपूर्ण कार्रवाई सामने आई है। रानीगंज प्रखंड कार्यालय में मंगलवार देर रात एक सटीक और सुनियोजित छापेमारी के दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) रितम चौहान और उनके अकाउंटेंट आदित्य प्रियदर्शी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। विशेष निगरानी इकाई (Special Vigilance Unit), पटना की 12 सदस्यीय टीम ने यह कार्रवाई स्थानीय पुलिस के सहयोग से की।

रिश्वत की रकम और पूरा घटनाक्रम
जानकारी के अनुसार, दोनों अधिकारियों को 1.5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। यह रकम एक सरकारी कार्य की स्वीकृति के एवज में मांगी गई थी। रिश्वतखोरी की शिकायत रानीगंज के उपप्रमुख कलानंद सिंह ने दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि बीडीओ द्वारा स्पष्ट रूप से उनसे पैसों की मांग की गई थी। इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने सोमवार को पटना जाकर विशेष निगरानी इकाई से संपर्क किया और विस्तृत जानकारी दी।
निगरानी विभाग ने तत्परता दिखाते हुए अगले ही दिन यानी मंगलवार को रात करीब 10 बजे रानीगंज में छापा मारा। बीडीओ के सरकारी आवास पर छापेमारी के दौरान दोनों अधिकारियों को रिश्वत की राशि के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।

दस्तावेजों की जांच और आगे की कार्रवाई:
गिरफ्तारी के बाद निगरानी टीम ने बीडीओ के सरकारी आवास और कार्यालय में विस्तृत तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान कई दस्तावेजों को जब्त किया गया है और उनकी जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या और भी आर्थिक अनियमितताएं की गई हैं। टीम यह भी जांच कर रही है कि कहीं यह मामला किसी बड़े भ्रष्टाचार नेटवर्क का हिस्सा तो नहीं है।

प्रशासनिक हलकों में हड़कंप:
इस कार्रवाई से जिलेभर के प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है। आमतौर पर अधिकारियों के खिलाफ इतनी बड़ी कार्रवाई कम ही देखने को मिलती है। स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने निगरानी विभाग और सरकार की तत्परता की प्रशंसा करते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया:
रानीगंज और आस-पास के क्षेत्रों में इस घटना को लेकर चर्चा तेज है। आम नागरिकों ने राहत की सांस लेते हुए कहा है कि लंबे समय से सरकारी कार्यालयों में काम करवाने के लिए रिश्वत एक आम बात हो गई थी। इस कार्रवाई से यह उम्मीद जगी है कि भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम साबित होगा।
निष्कर्ष:
यह मामला ना केवल रानीगंज बल्कि पूरे राज्य के लिए एक चेतावनी है कि अब भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसा जा रहा है। निगरानी विभाग की यह कार्रवाई बताती है कि जनता की शिकायतों को यदि सही दिशा में और समय पर उठाया जाए तो दोषियों को कानून के शिकंजे में लाया जा सकता है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जांच में और क्या-क्या सामने आता है, और दोषियों को क्या सजा मिलती है।
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