किशनगंज: शहर के एक निजी नशा मुक्ति केंद्र पर मरीजों के साथ अमानवीय व्यवहार के गंभीर आरोप लगे हैं। शनिवार को दर्जनों अभिभावक अपने बच्चों की स्थिति जानने के लिए जब केंद्र पहुंचे, तो वहां के हालात देखकर उन्होंने जमकर हंगामा किया और केंद्र संचालकों पर शोषण व मारपीट के आरोप लगाए।

“भविष्य सुधारने भेजा था, पर मिला टॉर्चर”
अभिभावकों ने आरोप लगाया कि बच्चों को जबरन नंगा नहलाया जाता है, समय पर भोजन नहीं दिया जाता और उनके साथ मारपीट की जाती है। एक अभिभावक ने कहा, “हमने उन्हें इलाज के लिए भेजा था, लेकिन वहां तो बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है।”

बिना पंजीकरण के चल रहा है केंद्र?
जानकारी के अनुसार, रूईधासा में संचालित ‘हेल्प एंड होप’ नामक यह नशा मुक्ति केंद्र बीते दो वर्षों से चल रहा है, जहां दर्जनों मरीज भर्ती हैं। सूत्रों की मानें तो इस संस्था ने न किशनगंज नगर परिषद से और न ही स्वास्थ्य विभाग से किसी प्रकार का पंजीकरण करवाया है।

मरीजों से मिलने नहीं दिया जाता
अभिभावकों का आरोप है कि न उन्हें बच्चों से मिलने दिया जाता है और न ही बात करने की अनुमति है। केंद्र में बच्चों को एक तरह से बंदी जैसा रखा जा रहा है।
संस्था के जवाब से बढ़ा विवाद
जब संस्था में मौजूद इंद्रनील दास से मीडिया ने इस विषय में बात की, तो उन्होंने कहा, “मैं खुद नंगा नहाता हूं, इसमें क्या गलत है?” उन्होंने यह भी बताया कि संस्था का हेड ऑफिस मालदा में है और संस्था के नियमों के अनुसार 45 दिनों तक मरीजों से किसी को मिलने नहीं दिया जाता।
प्रशासन से जांच की मांग
अभिभावकों ने प्रशासन से मांग की है कि इस केंद्र की तत्काल जांच कराई जाए और यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
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