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विश्व मासिक स्वच्छता दिवस पर महिलाओं की नई सोच

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गया: विश्व मासिक स्वच्छता दिवस के अवसर पर Resilient Minds Foundation द्वारा एक अनूठा और जागरूकता से भरपूर अभियान ‘रेड एंड ग्रीन डॉट चैलेंज’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं और युवतियों को मासिक धर्म के प्रति न केवल जागरूक करना था, बल्कि उन्हें पर्यावरण के अनुकूल मासिक धर्म उत्पादों के उपयोग के लिए प्रेरित करना भी था।

विश्व मासिक स्वच्छता दिवस पर महिलाओं की नई सोच
विश्व मासिक स्वच्छता दिवस पर महिलाओं की नई सोच

अभिषेक कुमार और लक्ष्मी मेहता के संयोजन में सफल आयोजन

इस अभियान का संयोजन Resilient Minds Foundation के सह-निदेशक अभिषेक कुमार और लक्ष्मी मेहता के नेतृत्व में हुआ। इस विशेष पहल को बिहार के गया जिले सहित कई अन्य जिलों, राज्यों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक साथ आयोजित किया गया, जिससे यह एक राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित मुहिम बन गई।

विश्व मासिक स्वच्छता दिवस पर महिलाओं की नई सोच
विश्व मासिक स्वच्छता दिवस पर महिलाओं की नई सोच

क्या है ‘रेड एंड ग्रीन डॉट’ चैलेंज?

इस अभियान के तहत महिलाओं और युवतियों से आग्रह किया गया कि वे अपनी हथेली पर लाल और हरे रंग के बिंदु बनाएं और उसकी सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर साझा करें।

  • लाल बिंदु मासिक धर्म की स्वाभाविकता और समाज में इसके प्रति जागरूकता का प्रतीक था।
  • हरा बिंदु पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों—जैसे मेंस्ट्रुअल कप या रीयूजेबल पैड्स—के प्रयोग को बढ़ावा देने का संकेत था।

भागीदारी और प्रतिक्रियाएं

इस अभियान में आस्था रानी, अर्पिता गुप्ता, निहारिका भारती, कुमारी जैमाला, अनु मेहता, सलोनी, सुरभि, शालिनी मौर्य और अजीता पांडेय जैसी दर्जनों युवतियों और महिलाओं ने सक्रिय भागीदारी की। उन्होंने न केवल अपनी तस्वीरें साझा कीं, बल्कि मासिक धर्म से जुड़े अपने अनुभव और विचार भी सार्वजनिक किए।

इन प्रतिभागियों ने समाज में सकारात्मक बदलाव की प्रेरणा दी और इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं को अब डिस्पोजेबल पैड्स जैसे अस्थायी और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले विकल्पों की बजाय स्थायी और सुरक्षित विकल्प अपनाने चाहिए।

सोशल मीडिया पर उत्साहजनक प्रतिक्रिया

यह अभियान सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ। बड़ी संख्या में लोगों ने हैशटैग्स के साथ अपनी तस्वीरें साझा कीं और मासिक धर्म को लेकर खुले संवाद की शुरुआत की। इससे यह स्पष्ट होता है कि युवा पीढ़ी अब ऐसे संवेदनशील विषयों पर खुलकर बात करने और सामाजिक बदलाव लाने के लिए तैयार है।

आयोजकों का संदेश

अभियान के संयोजक अभिषेक कुमार और लक्ष्मी मेहता ने कहा कि,

“यह मुहिम सिर्फ एक दिन की जागरूकता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी यात्रा है जो मासिक धर्म के प्रति सम्मान, समझ और स्थायित्व की ओर ले जाती है। हमारा लक्ष्य है कि हर लड़की न केवल अपनी सेहत के प्रति सजग हो, बल्कि वह पर्यावरण के लिए भी जिम्मेदार विकल्प चुने।”

उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य में इस तरह के और भी जमीनी व डिजिटल अभियान चलाए जाएंगे, ताकि समाज में मासिक धर्म को लेकर व्याप्त भ्रांतियों को दूर किया जा सके और लड़कियों को एक सुरक्षित, सम्मानजनक और टिकाऊ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके।


निष्कर्ष:
‘रेड एंड ग्रीन डॉट’ अभियान न केवल मासिक धर्म को लेकर जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक सफल प्रयास साबित हुआ है, बल्कि यह यह भी दर्शाता है कि आज की महिलाएं अपने स्वास्थ्य, आत्मसम्मान और पर्यावरण तीनों के प्रति सजग और सक्रिय हो रही हैं।

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