बिहार के कटिहार जिले के रौतरा गांव में एक किसान की मेहनत और सोच ने एक अनोखा फल जन्म दिया है। किसान कालिदास बनर्जी ने अपने बगीचे में एक विशेष आम की किस्म विकसित की है, जिसे उन्होंने देश के प्रधानमंत्री के नाम पर ‘मोदी आम’ नाम दिया है।
यह आम आम नहीं है! बनर्जी का दावा है कि यह स्वाद में लाजवाब है और खास बात – यह शुगर फ्री है। यानी मधुमेह के मरीज भी इसका आनंद ले सकते हैं। यह आम किसी बाजार में नहीं बिकेगा। फिलहाल इसे केवल ‘दर्शनार्थ’ रखा गया है – लोग आएं, देखें और इसकी अनोखी किस्म को समझें।

क्यों ‘मोदी आम’?
कालिदास बनर्जी, जिन्हें लोग ‘मैंगो मैन’ के नाम से जानते हैं, बताते हैं कि उन्होंने यह नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनकल्याणकारी योजनाओं से प्रेरित होकर रखा है। उनका कहना है कि पिछले दस सालों में गरीबों को मुफ्त राशन, युवाओं को स्वरोजगार के अवसर, और कोविड काल में राहत जैसे कदमों से करोड़ों लोगों का जीवन बदला है। यह आम उस प्रेरणा का प्रतीक है।

कलाम आम’ भी जल्द आएगा
बनर्जी के आमों की फेहरिस्त में एक और नाम जुड़ने जा रहा है – ‘कलाम आम’। यह किस्म पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को समर्पित होगी। अभी यह आम विकसित हो रहा है और जल्द ही उसका भी अनावरण किया जाएगा।
लोगों की बढ़ रही रुचि
बगीचे के देखरेखकर्ता मोहम्मद मुबारक का कहना है कि अगर ‘मोदी आम’ को व्यावसायिक रूप से लाया गया, तो यह आम लोगों की पहली पसंद बन सकता है। इस पेड़ की खास सुरक्षा की जा रही है, और लोग दूर-दूर से इसे देखने आ रहे हैं।
कहानी केवल एक आम की नहीं…
यह कहानी सिर्फ एक फल की नहीं, एक सोच की है – खेती को नवाचार से जोड़ने की। कालिदास बनर्जी जैसे किसान देशभर के लिए प्रेरणा हैं, जो परंपरा और प्रयोग को मिलाकर खेती की एक नई राह बना रहे हैं।
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