पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने एक बार फिर बिहार की राजनीति में गर्मी ला दी है। सोमवार को उन्होंने जदयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा पर जमकर हमला बोला। प्रेस वार्ता में पप्पू यादव ने मनीष वर्मा को ‘धरनार्थी’, ‘शरणार्थी’ और ‘जमीन लुटेरा’ करार दिया। साथ ही उन्होंने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी गहरी नाराजगी जताई और सरकारी डॉक्टरों को ‘जल्लाद’ बताते हुए उनके प्राइवेट क्लीनिक चलाने पर रोक लगाने की मांग की।

पप्पू यादव का आरोप:
“एक शरणार्थी बनकर आए व्यक्ति ने पूर्णिया में 100 एकड़ जमीन खरीद ली। कौन सांसद था, कौन डीएम था – ये सब अब जांच का विषय है। ये लोग पूर्णिया को चारागाह समझकर आए और लूटकर चले गए। ऐसे लुटेरों की जांच कराऊंगा।”
प्रेस वार्ता के दौरान पप्पू यादव ने बीते दो दशकों की चिट्ठियों का हवाला दिया और कहा कि उन्होंने ईडी, सीबीआई, सतर्कता आयोग और सरकार को करीब 10 पत्र लिखकर मांग की है कि पूर्णिया में किस नेता ने कितनी जमीन खरीदी, इसका डेटा सार्वजनिक किया जाए।

स्वास्थ्य व्यवस्था पर तीखा बयान:
सरकारी डॉक्टरों को लेकर उन्होंने कहा, “ये लोग सरकारी अस्पतालों में नाम के लिए रहते हैं और प्राइवेट क्लीनिक खोलकर गरीबों को लूटते हैं। इन पर सख्त कानून बनना चाहिए।”
तेज प्रताप यादव से जुड़े एक सवाल पर पप्पू यादव ने नेताओं को “कृष्ण भक्त” कहते हुए तंज कसा और हालिया राजनीतिक घटनाओं पर चुटकी भी ली।
पप्पू यादव का दृढ़ संकल्प:
“अगर मैं जिंदा रह गया तो इनकी सच्चाई सामने लाकर रहूंगा, चाहे मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री का संरक्षण ही क्यों न हो। बेईमानी और लूट के खिलाफ मेरी लड़ाई रुकने वाली नहीं है।”
इस बयानबाज़ी ने पूर्णिया और बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मचा दी है, जहां पप्पू यादव लगातार सत्ता और सिस्टम पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
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