पूर्णिया: शहर में अपराधियों के दो गुटों के बीच पुरानी रंजिश और रुपए के लेन-देन को लेकर हुई जबरदस्त भिड़ंत से इलाके में सनसनी फैल गई। यह घटना पूर्णिया के व्यस्त इलाकों – सहायक खजांची और मधुबनी थाना क्षेत्र – में घटी, जहां दोनों गुट आमने-सामने आ गए। इस हिंसक झड़प का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसमें पुलिस की मौजूदगी के बावजूद अपराधी एक-दूसरे से भिड़ते दिखाई दे रहे हैं।

रंजिश का कारण: पैसों का पुराना विवाद
पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्तिकेय शर्मा के अनुसार, दोनों गुटों के बीच रुपए के लेन-देन को लेकर पहले से ही विवाद चल रहा था। यही रंजिश हिंसक टकराव में तब्दील हो गई। घटनाक्रम की शुरुआत आदित्य विजन शोरूम, लाइन बाजार के पास हुई, जहां दोनों गुट आपस में भिड़ गए। इसके बाद मामला अपहरण तक पहुंच गया।

अपहरण और फिर दूसरी बार झड़प
सूत्रों के अनुसार, वांटेड बदमाशों – रॉकी सिंह और अमन सिंह – के गुट ने राजनगर प्रभात कॉलोनी के निवासी नयनसी उर्फ निशांत सिंह को जबरन अगवा कर लिया और मधुबनी थाना क्षेत्र के चुनापुर रोड स्थित जलसा मैरिज हॉल के पास ले गए। यहां पर दोनों गुटों के बीच दूसरी बार झड़प हुई। इस पूरे घटनाक्रम में अपराधियों ने हथियारों का भी इस्तेमाल किया। कुछ बदमाशों के साथ निजी बॉडीगार्ड भी मौजूद थे, जिनके हथियारों के लाइसेंस की जांच की जा रही है।

गिरफ्तार आरोपी और पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तेजी से कार्रवाई की और दोनों गुटों के कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया:
वांटेड गुट से गिरफ्तार आरोपी:
- अमन सिंह – सुदीन चौक, मधुबनी थाना क्षेत्र
- राकेश सिंह उर्फ रॉकी सिंह – गांधीनगर, के.हाट थाना
- राजा सिंह – बसंत विहार, मरंगा थाना क्षेत्र
दूसरे गुट से गिरफ्तार आरोपी:
- मोहम्मद साजिद – सिपाही टोला
- मोहम्मद राशीद – सिपाही टोला
पुलिस अब सत्यम सिंह नामक आरोपी की तलाश में है, जिसने नयनसी को अगवा करने में अहम भूमिका निभाई थी।
एसपी की सख्त चेतावनी
एसपी कार्तिकेय शर्मा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “पूर्णिया में गुंडागर्दी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कानून से ऊपर कोई नहीं है और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस टीम अन्य फरार आरोपियों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है।
वीडियो बना सबूत, जांच जारी
घटना का लाइव वीडियो सामने आने के बाद पुलिस के पास सबूत के तौर पर वीडियो फुटेज भी मौजूद हैं। इनकी मदद से बाकी दोषियों की पहचान और गिरफ्तारी की कोशिशें तेज़ कर दी गई हैं।
निष्कर्ष:
पूर्णिया में दो गुटों के बीच हुआ यह संघर्ष इस बात का साफ संकेत है कि शहर में संगठित आपराधिक गुट अब खुलेआम कानून को चुनौती दे रहे हैं। हालांकि पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सख्त रुख से यह उम्मीद की जा सकती है कि ऐसी घटनाओं पर लगाम कसी जाएगी और शांति व्यवस्था बहाल होगी।
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