किशनगंज : भारत-नेपाल सीमा से सटे किशनगंज जिले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। जिले के जियापोखर थाना क्षेत्र अंतर्गत गिलहाबाड़ी गांव में फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जबकि दो अन्य की तलाश जारी है। यह गिरोह बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले घुसपैठियों के लिए भारतीय पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज तैयार कर रहा था।

शनिवार को आयोजित प्रेस वार्ता में पुलिस अधीक्षक सागर कुमार ने बताया कि उन्हें खुफिया सूचना मिली थी कि गिलहाबाड़ी गांव निवासी अशरफुल (पिता मो. कुड्डस) के घर पर कुछ लोग अवैध रूप से आधार कार्ड बना रहे हैं। सूचना के आधार पर थाना अध्यक्ष विकास कुमार के नेतृत्व में छापेमारी की गई, जिसमें अशरफुल को मौके से गिरफ्तार किया गया, जबकि दो अन्य आरोपी – जमाल और पंकज – फरार हो गए। दोनों की तलाश की जा रही है।

क्या-क्या हुआ बरामद:
छापेमारी के दौरान पुलिस ने बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री जब्त की, जिनमें शामिल हैं:
- प्रिंटर
- मोहर
- आई स्कैनर
- फिंगर स्कैनर
- दो मोबाइल फोन
- चार पहिया वाहन (बंगाल नंबर)
- भारतीय और नेपाली सिम कार्ड
- नेपाली मुद्रा
पुलिस अधीक्षक सागर कुमार ने बताया कि इन उपकरणों का इस्तेमाल बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए आधार कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेज बनाने में किया जा रहा था। बरामद दस्तावेजों की जांच कर संबंधित व्यक्तियों के घरों पर भी छापेमारी की जा रही है और उनकी नागरिकता की पुष्टि की जा रही है।

बंगाल कनेक्शन भी आया सामने:
गिरफ्तारी के दौरान जब्त वाहन पर पश्चिम बंगाल का नंबर पाया गया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि इस रैकेट के तार बंगाल से भी जुड़े हो सकते हैं। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है।
नामजद और अन्य आरोपी:
अब तक की जांच में कुल चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसमें वाहन मालिक भी शामिल है। सभी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
इस छापेमारी अभियान में एसडीपीओ मंगलेश कुमार सिंह, जियापोखर थाना अध्यक्ष प्रीति कुमारी, पुलिस अधिकारी रमेश राय, और अन्य पुलिस बल शामिल रहे।
पुलिस की कार्रवाई से हलचल:
यह मामला सामने आने के बाद सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। पुलिस का कहना है कि फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से घुसपैठियों को वैध नागरिक दिखाने की कोशिश गंभीर सुरक्षा चुनौती है, और इस नेटवर्क के पीछे छिपे सभी लोगों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
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