पूर्णिया कॉलेज में गुरुवार को उस समय हालात तनावपूर्ण हो गए, जब अचानक सीआईए (CIA) परीक्षा के स्थगित होने की सूचना मिली और सैकड़ों छात्र-छात्राएं बिना किसी पूर्व सूचना के परीक्षा स्थल पर भटकते नजर आए। परीक्षा के लिए निर्धारित केंद्र पर न केवल किसी शिक्षक या अधिकारी की मौजूदगी नहीं थी, बल्कि परीक्षा कक्षों सहित प्रिंसिपल के कार्यालय में भी ताले लटके हुए पाए गए।

अचानक रद्द कर दी गई परीक्षा, छात्र परेशान
पूर्णिया कॉलेज में स्नातक (UG) सत्र 2023-27 के चौथे सेमेस्टर की CIA परीक्षा 18 और 19 जून को आयोजित होनी थी। परीक्षार्थियों ने बताया कि 18 जून को जब वे परीक्षा देने कॉलेज पहुंचे, तो सिर्फ उपस्थिति दर्ज कराई गई और उन्हें यह कहकर घर भेज दिया गया कि उपस्थिति दर्ज कराने वाले सभी छात्रों को अच्छे अंक देकर पास कर दिया जाएगा। इस बात की पुष्टि परीक्षार्थियों रितेश यादव, निलेश कुमार, हर्षवर्धन, विकास कुमार और रोहित कुमार सहित कई छात्रों ने की।

हालांकि, छात्रों के अनुसार परीक्षा 19 जून को भी होनी थी, जिसके लिए वे सुबह 7:30 बजे तक कॉलेज पहुंच गए। लेकिन जैसे ही वे परिसर में पहुंचे, उन्हें हर तरफ बंद गेट और ताले लगे हुए दिखाई दिए। न तो परीक्षा कक्ष खुले थे और न ही कोई स्टाफ या प्राध्यापक मौजूद था। यहां तक कि प्रिंसिपल के कमरे पर भी ताला जड़ा मिला।
छात्रों में गुस्सा फूटा, हंगामा और नारेबाजी
करीब 2000 से अधिक छात्रों ने जब देखा कि परीक्षा स्थगित कर दी गई है और उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई थी, तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। गुस्साए छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।
कॉलेज परिसर में कुछ समय के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया। छात्र प्रशासन से इस निर्णय पर स्पष्टीकरण मांगते रहे लेकिन कोई भी जिम्मेदार अधिकारी जवाब देने के लिए मौजूद नहीं था।

छात्रों की मांग: दोषियों पर हो कार्रवाई
परेशान छात्र-छात्राओं ने मांग की कि इस प्रकार की गैरजिम्मेदाराना व्यवस्था के लिए कॉलेज प्रशासन को जवाबदेह ठहराया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि परीक्षा स्थगन की सूचना समय रहते दी जानी चाहिए थी ताकि वे सैकड़ों किलोमीटर से आकर परेशान न होते। कई छात्र दूरदराज से आए थे और उनके पास न तो बैठने की समुचित व्यवस्था थी, न ही खाने-पीने का कोई इंतजाम।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
अब तक कॉलेज प्रशासन या विश्वविद्यालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, जिससे छात्रों की नाराजगी और बढ़ रही है। छात्रों का आरोप है कि कॉलेज में तैयारी पूरी नहीं होने के कारण परीक्षा को अंतिम समय में टाल दिया गया, लेकिन इसकी जानकारी जानबूझकर नहीं दी गई।
निष्कर्ष
पूर्णिया कॉलेज में सीआईए परीक्षा के स्थगन और उसके बाद उत्पन्न स्थिति ने न केवल छात्रों के भविष्य पर प्रश्नचिह्न खड़ा किया है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में गंभीर लापरवाही को उजागर किया है। अब देखना यह है कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस घटना पर क्या कार्रवाई करता है और छात्रों की नाराजगी को कैसे शांत करता है।
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