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किशनगंज में ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का किया ऐलान

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बिहार के सीमावर्ती जिले किशनगंज में बुनियादी सुविधाओं के अभाव को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश अब आंदोलन में बदल गया है। जिले के पोठिया प्रखंड अंतर्गत कोल्था पंचायत के खोक्साबाड़ी गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने “रोड नहीं तो वोट नहीं” के नारे लगाते हुए गांव में प्रदर्शन किया और साफ शब्दों में चेताया कि जब तक पक्की सड़क नहीं बनेगी, वे वोट नहीं देंगे।

किशनगंज में ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का किया ऐलान
किशनगंज में ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का किया ऐलान

4 किलोमीटर कच्चा रास्ता, बरसात में कीचड़ ही कीचड़

खोक्साबाड़ी गांव, आदिवासी टोला, मोमिन बस्ती और बल्दियाहाट जैसे बस्तियों को जोड़ने वाली लगभग 4 किलोमीटर लंबी सड़क आज़ादी के 75 वर्षों बाद भी कच्ची ही बनी हुई है। यह रास्ता खानकी मुख्य सड़क से होकर गुजरता है, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि बार-बार आवेदन और मांग के बावजूद सड़क को पक्की करने के लिए कोई ठोस पहल नहीं की गई।

बरसात के मौसम में यह रास्ता पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो जाता है, जिससे न केवल पैदल चलना मुश्किल हो जाता है, बल्कि वाहनों का प्रवेश भी असंभव हो जाता है।

किशनगंज में ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का किया ऐलान
किशनगंज में ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का किया ऐलान

बीमार और गर्भवती महिलाओं को खटिया पर ढोते हैं ग्रामीण

स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क की हालत इतनी बदतर है कि गांव में एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाती। मजबूरी में ग्रामीण बीमार व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को खटिया या चारपाई पर उठाकर मुख्य सड़क तक ले जाते हैं। कई बार समय पर इलाज न मिलने की वजह से जान तक चली जाती है।

स्कूल जाने वाले बच्चों को भी होती है परेशानी

बच्चों की शिक्षा पर भी इसका गहरा असर पड़ रहा है। कीचड़ भरे रास्ते से स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र तक पहुंचना बच्चों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। कई बार अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से भी कतराते हैं।

शादी-ब्याह में भी आती है सामाजिक अड़चन

गांव के लोगों ने बताया कि सड़क न होने की वजह से गांव की सामाजिक प्रतिष्ठा पर भी असर पड़ा है। युवक-युवतियों की शादी में बाहर से रिश्ते नहीं आते क्योंकि लोग गांव की दुर्गति देखकर रिश्तेदारियाँ तोड़ लेते हैं।

नेताओं को दिए आवेदन, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं

ग्रामीणों का कहना है कि वे किशनगंज के सांसद और क्षेत्रीय विधायक को कई बार ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन हर बार आश्वासन ही मिला। अब उनकी सहनशक्ति जवाब दे चुकी है और वे चुनाव बहिष्कार का निर्णय मजबूरी में ले रहे हैं।

विधायक बोले- प्रक्रिया जारी है, जल्द बनेगी सड़क

इस मामले पर कांग्रेस विधायक इजहारुल हुसैन ने बताया कि उन्हें खोक्साबाड़ी की सड़क की समस्या की जानकारी है। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है और उसका डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार कर लिया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया पूरी होगी और निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।

ग्रामीणों का चेतावनी भरा संदेश

हालांकि, ग्रामीण अब वादों से नहीं, ज़मीनी हकीकत से संतुष्ट होना चाहते हैं। उनका कहना है कि अगर इस बार भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ, तो वे व्यापक स्तर पर आंदोलन करेंगे और राजनीतिक दलों के बहिष्कार को अंतिम रूप देंगे।


निष्कर्ष:
यह घटना सिर्फ किशनगंज के एक गांव की नहीं, बल्कि उन सैकड़ों गावों की हकीकत है, जो आज भी सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। सवाल यह है कि क्या हर चुनाव में सिर्फ वादे ही मिलते रहेंगे, या कभी इन वंचित इलाकों तक विकास की किरण भी पहुंचेगी?

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