किशनगंज: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) बिहार प्रदेश अध्यक्ष और किशनगंज से विधायक अख्तरुल ईमान ने मंगलवार को वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की। किशनगंज स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने इस संशोधन विधेयक को मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सामाजिक विरासत पर “सीधा हमला” करार दिया।

अख्तरुल ईमान ने कहा कि वक्फ संपत्तियां मुसलमानों की धार्मिक, सामाजिक और शैक्षणिक पहचान का हिस्सा हैं और इन संपत्तियों पर सरकार का हस्तक्षेप न केवल संविधान के धर्मनिरपेक्ष ढांचे के खिलाफ है, बल्कि यह समुदाय के अधिकारों का भी उल्लंघन है। उन्होंने कहा, “यह केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, यह हमारे अस्तित्व, हमारी आस्था और हमारी सामाजिक संरचना से जुड़ा मसला है।”
उन्होंने स्पष्ट आरोप लगाया कि केंद्र सरकार का वक्फ संशोधन विधेयक वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को खत्म कर देगा और इससे सरकारी नियंत्रण बढ़ेगा। “सरकार इन संपत्तियों पर नियंत्रण स्थापित कर समुदाय की आत्मनिर्भरता को खत्म करना चाहती है,” उन्होंने कहा।

29 जून को पटना में ‘वक्फ बचाव सम्मेलन’
इस मुद्दे पर व्यापक जनजागरूकता और विरोध प्रदर्शन के लिए AIMIM ने 29 जून को पटना के गांधी मैदान में ‘वक्फ बचाव सम्मेलन’ आयोजित करने की घोषणा की है। अख्तरुल ईमान ने बिहारवासियों, खासकर मुस्लिम समुदाय से बड़ी संख्या में गांधी मैदान पहुँचने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन सिर्फ AIMIM का नहीं, बल्कि पूरे मुस्लिम समाज का है और इसमें सभी मज़हबी और सामाजिक संगठनों को भी भाग लेना चाहिए। “हमें एकजुट होकर इस काले कानून का विरोध करना होगा, जिससे हमारी धार्मिक और सामूहिक संपत्ति को बचाया जा सके।”

विधेयक में क्या हैं विवादित बिंदु?
AIMIM समेत कई मुस्लिम संगठन यह मानते हैं कि वक्फ संशोधन विधेयक 2025 में ऐसे प्रावधान जोड़े गए हैं जिनसे केंद्र सरकार को वक्फ संपत्तियों में दखल देने का अधिकार मिल जाएगा। इससे न केवल वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता समाप्त होगी, बल्कि स्थानीय मुस्लिम समुदायों का संपत्तियों पर नियंत्रण भी कमजोर होगा।
राजनीतिक माहौल गरम
विधानसभा में विपक्षी दलों की ओर से भी इस मसले को लेकर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। AIMIM इस मुद्दे को एक बड़ा आंदोलनात्मक रूप देने की तैयारी में है। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से फिलहाल इस विधेयक पर कोई औपचारिक टिप्पणी नहीं की गई है।
निष्कर्ष:
AIMIM विधायक अख्तरुल ईमान का यह बयान और आगामी सम्मेलन इस बात का संकेत हैं कि वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित बदलाव को लेकर मुस्लिम समुदाय में गहरी चिंता और असंतोष है। 29 जून को पटना के गांधी मैदान में होने वाला सम्मेलन इस मुद्दे पर समुदाय की एकजुटता और विरोध की ताकत को प्रदर्शित करेगा।
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