अररिया: अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर अररिया जिले के व्यवहार न्यायालय परिसर में बुधवार को एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिले के न्यायिक पदाधिकारियों, अधिवक्ताओं और न्यायालय कर्मचारियों ने एकजुट होकर नशा न करने और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करने की शपथ ली।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री गुंजन पांडे ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान समय में नशाखोरी न केवल व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को क्षति पहुंचा रही है, बल्कि यह पारिवारिक ताने-बाने को भी तोड़ रही है।

नशा: स्वास्थ्य ही नहीं, अर्थव्यवस्था और सामाजिक संरचना को भी नुकसान
जिला न्यायाधीश श्री पांडे ने कहा, “नशे की लत व्यक्ति को केवल बीमार नहीं बनाती, बल्कि उसका आर्थिक शोषण भी करती है। इससे परिवार बर्बाद हो जाते हैं, रिश्ते टूट जाते हैं और युवा पीढ़ी गलत दिशा में बढ़ जाती है।” उन्होंने सभी से अपील की कि नशे के खिलाफ समाज को एकजुट होकर खड़ा होना होगा और जागरूकता के माध्यम से ही इस बुराई को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।

सामूहिक शपथ से हुआ कार्यक्रम का आरंभ
कार्यक्रम की शुरुआत सामूहिक शपथ ग्रहण समारोह से हुई, जिसमें न्यायिक अधिकारियों, वकीलों और अन्य कर्मियों ने यह संकल्प लिया कि वे स्वयं नशा नहीं करेंगे और समाज में नशामुक्ति का संदेश फैलाएंगे।
शपथ का मूल उद्देश्य यह था कि न्याय व्यवस्था से जुड़े लोग स्वयं उदाहरण प्रस्तुत कर समाज को दिशा दें।
वक्ताओं ने बताया नशे का भयावह प्रभाव
वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि नशे के कारण समाज में अपराध, घरेलू हिंसा, बेरोजगारी और आत्महत्या जैसे मामलों में वृद्धि हो रही है। उन्होंने नशे को “धीमा ज़हर” बताते हुए कहा कि यह न केवल व्यक्ति को भीतर से खोखला करता है, बल्कि उसके आसपास के पूरे वातावरण को प्रभावित करता है।
युवाओं को सही राह दिखाने की जरूरत पर बल
वक्ताओं ने यह भी कहा कि युवाओं को नशे की गिरफ्त से बचाना सबसे जरूरी है, क्योंकि वही देश का भविष्य हैं। इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम युवाओं को सकारात्मक सोच और सही दिशा में प्रेरित कर सकते हैं।
सकारात्मक पहल को मिली सराहना
इस आयोजन की सभी ने सराहना की। अधिवक्ताओं ने इसे न्यायिक तंत्र द्वारा उठाया गया एक सकारात्मक और अनुकरणीय कदम बताया। उनका मानना है कि यदि समाज के प्रभावशाली वर्ग नशे के खिलाफ खुलकर बोलें और कार्य करें, तो इसका व्यापक असर पड़ेगा।
निष्कर्ष:
अररिया न्यायिक परिसर में आयोजित यह कार्यक्रम न केवल एक औपचारिक आयोजन था, बल्कि यह एक सामाजिक संदेश भी था कि अगर संकल्प और सहयोग हो, तो नशे जैसी सामाजिक बुराइयों को खत्म किया जा सकता है। यह पहल आने वाले दिनों में अन्य जिलों और संस्थानों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है।
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