बिहार बंद के आह्वान पर बुधवार को किशनगंज जिले में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। विभिन्न ट्रेड यूनियनों और राजनीतिक दलों द्वारा बुलाए गए इस बंद को महागठबंधन के नेताओं और कार्यकर्ताओं का जोरदार समर्थन मिला। वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण में कथित अनियमितताओं और अन्य जनहित के मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ गुस्से का इज़हार करते हुए जिलेभर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन और चक्का जाम किया गया।
सुबह से ही महागठबंधन के कार्यकर्ता शहर के मुख्य बस स्टैंड पर जुटने लगे और वहां से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-27 (एनएच-27) को पूरी तरह से बंद कर दिया। इस दौरान केवल आपातकालीन सेवाओं को चलने की अनुमति दी गई, जबकि बाकी सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही को रोक दिया गया।

प्रमुख नेताओं की अगुवाई में हुआ विरोध प्रदर्शन
बस स्टैंड पर कांग्रेस विधायक इजहारुल हुसैन, राजद जिलाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक कमरूल हुदा, कोचाधामन विधायक इजहार अस्थि, ठाकुरगंज विधायक सऊद आलम, असगर अली उर्फ पीटर सहित अन्य कई प्रमुख नेताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रदर्शन में भाग लिया। इन नेताओं ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और आम जनता की उपेक्षा के मुद्दे को लेकर सरकार पर सीधा हमला बोला।

रामपुर चेक पोस्ट पर AIMIM का अलग मोर्चा
इसी तरह, शहर के रामपुर चेक पोस्ट पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष एवं अमौर विधायक अख्तरुल इनाम के नेतृत्व में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर टायर जलाकर चक्का जाम किया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार की जनविरोधी नीतियों की निंदा करते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की।

प्रशासन की कार्रवाई, नेताओं को किया गया गिरफ्तार
करीब तीन घंटे तक पूरे इलाके में यातायात ठप रहा और आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। अंततः स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी गौतम कुमार और सदर थाना अध्यक्ष अभिषेक कुमार के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा।

पुलिस ने स्थिति को संभालते हुए सभी प्रमुख नेताओं और प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्ण तरीके से गिरफ्तार कर सदर थाना ले जाया गया। हालांकि, गिरफ्तारी के समय कुछ जगहों पर हल्का विरोध भी देखने को मिला, लेकिन किसी बड़ी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।
जनता की परेशानी, व्यापार प्रभावित
इस बंद और चक्का जाम का असर स्थानीय व्यापार, स्कूली व्यवस्था और सामान्य आवाजाही पर भी पड़ा। स्कूल, कॉलेज, दुकानें और बाजार आंशिक रूप से बंद रहे। यात्रियों और वाहन चालकों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ा।
सरकार से बातचीत की मांग
विरोध कर रहे नेताओं का कहना था कि अगर सरकार जल्द ही वोटर लिस्ट में सुधार, बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों पर संज्ञान नहीं लेती तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।
निष्कर्ष:
बिहार बंद के तहत किशनगंज में हुआ यह व्यापक विरोध प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि जनता और राजनीतिक दल अब जनहित के मुद्दों पर और अधिक मुखर हो रहे हैं। प्रशासन की तत्परता से स्थिति तो नियंत्रण में आ गई, लेकिन सरकार के सामने कई गंभीर सवाल खड़े हो चुके हैं, जिनके जवाब अब जनता मांग रही है।
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