किशनगंज से एक बड़ी खबर सामने आई है जहाँ भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी विभाग ने तगड़ी कार्रवाई की है। एक रिश्वतखोर अमीन को एक लाख रुपये की घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। आरोपी की पहचान निरंजन कुमार के रूप में हुई है, जो कि सदर प्रखंड के दौला पंचायत में पदस्थापित था।

जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई उस वक्त की गई जब निगरानी विभाग की टीम ने पूर्व नियोजित योजना के तहत आरोपी अमीन को किशनगंज बस स्टैंड के पास से एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। इस घूसखोरी का खुलासा उस समय हुआ जब पीड़ित व्यक्ति, जमील अख्तर नामक स्थानीय निवासी, ने निगरानी विभाग में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी।

शिकायतकर्ता जमील अख्तर का कहना है कि उनकी जमीन को बांध निर्माण परियोजना के लिए अधिग्रहित किया गया था, और उसके बदले में मिलने वाले मुआवजे की प्रक्रिया के दौरान अमीन निरंजन कुमार ने उनसे एक लाख रुपये की मांग की थी। पीड़ित ने आरोप लगाया कि अमीन ने साफ कहा था कि जब तक “चढ़ावा” नहीं मिलेगा, तब तक मुआवजा नहीं मिलेगा।

इसके बाद जमील अख्तर और अन्य पीड़ितों ने निगरानी विभाग से संपर्क कर शिकायत दर्ज कराई। विभाग ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू की और पूरी योजना के साथ जाल बिछाकर अमीन को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया।

इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए निगरानी विभाग के अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर कांड संख्या दर्ज की गई थी और जांच के क्रम में यह स्पष्ट हो गया कि आरोपी अमीन मुआवजे की स्वीकृति के बदले अवैध रूप से धन की मांग कर रहा था। योजना के तहत आज उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।
निगरानी विभाग की इस कार्रवाई के बाद जिले भर के सरकारी महकमों में हड़कंप मच गया है। यह घटना न केवल प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए गए इस कड़े कदम को भी दर्शाती है।
फिलहाल आरोपी अमीन को पूछताछ के लिए निगरानी विभाग की हिरासत में लिया गया है, और आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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