पूर्णिया : पूर्णिया जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक सब्जी की दुकान की आड़ में अवैध हथियारों और कारतूसों की तस्करी की जा रही थी। इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब पटना STF (स्पेशल टास्क फोर्स) और पूर्णिया पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए ‘सब्जी वाले’ नामक दुकान पर छापा मारा। इस छापेमारी में पुलिस को भारी मात्रा में हथियार और गोलियां बरामद हुईं।

सब्जी की दुकान से निकली जर्मन पिस्टल और AK-47 का पार्ट
पुलिस ने जब ‘सब्जी वाले’ नाम की दुकान की तलाशी ली, तो वहां से जर्मन मेड पिस्टल, AK-47 का ब्रिज ब्लॉक (एक महत्वपूर्ण हिस्सा), और 440 जिंदा कारतूस बरामद किए गए। इस दौरान पुलिस ने दुकान के संचालक कुणाल कुमार सिंह को गिरफ्तार किया।

बार-बार जेल जा चुका है आरोपी
गिरफ्तार आरोपी कुणाल कुमार सिंह, अरुण कुमार सिंह का बेटा है और पूर्णिया के हाट थाना क्षेत्र स्थित कॉलेज रोड का निवासी है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक कुणाल इससे पहले भी अवैध हथियारों की तस्करी के मामलों में 4 बार जेल जा चुका है। वह दो महीने पहले ही पटना के बेऊर जेल से रिहा हुआ था।

इनपुट मिलने के बाद बनाई गई थी विशेष टीम
पूर्णिया SP स्वीटी सहरावत ने बताया कि पुलिस को इनपुट मिला था कि कुणाल सिंह एक बार फिर हथियारों की तस्करी में सक्रिय हो गया है। सूचना के आधार पर सदर SDPO-1 पंकज कुमार शर्मा के नेतृत्व में एक विशेष छापेमारी दल का गठन किया गया। इस टीम में STF के अधिकारियों को भी शामिल किया गया।

घर और दुकान दोनों जगह की गई छापेमारी
पुलिस टीम ने पहले कुणाल के घर की घेराबंदी की और उसके बाद दुकान की तलाशी ली। पूछताछ के दौरान जब दुकान का शटर खोला गया, तो पुलिस भी हैरान रह गई। सब्जियों की आड़ में अंदर से खतरनाक हथियार और गोलियां बरामद हुईं।
साथी की भी तलाश में जुटी पुलिस
पुलिस पूछताछ में कुणाल ने कबूल किया कि वह अपने एक सहयोगी अमित कुमार उर्फ रौशन के साथ मिलकर यह अवैध कारोबार कर रहा था। दोनों मिलकर हथियारों और कारतूसों की खरीद-बिक्री करते थे। पुलिस अब अमित कुमार की तलाश में जुट गई है।
पूर्णिया में हथियार तस्करी का बड़ा नेटवर्क होने की आशंका
STF और पुलिस की इस संयुक्त कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि पूर्णिया और आसपास के इलाकों में हथियारों की तस्करी का बड़ा नेटवर्क सक्रिय हो सकता है। सब्जी की दुकान जैसे आम स्थान को हथियारों की सप्लाई के लिए इस्तेमाल करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय है।
क्या बरामद हुआ?
- एक जर्मन पिस्टल
- AK-47 का ब्रिज ब्लॉक (एक अहम हिस्सा)
- 440 जिंदा कारतूस
आगे की कार्रवाई
पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी है। कुणाल के मोबाइल और अन्य डिजिटल डिवाइसेज की जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि हथियार कहां से लाए जा रहे थे और इन्हें किन-किन लोगों को बेचा जा रहा था।
निष्कर्ष:
यह मामला न केवल पूर्णिया जिले के लिए, बल्कि पूरे बिहार के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि अपराधी किस हद तक जाकर अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस और STF की इस कार्रवाई से एक बड़ा नेटवर्क बेनकाब हुआ है, लेकिन इससे यह भी साफ है कि आगे और गहराई से जांच की ज़रूरत है।
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