हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह हुई भगदड़ में बिहार के अररिया जिले के चरारनी गोढ़ी टोला निवासी 18 वर्षीय सकलदेव सिंह की दर्दनाक मौत हो गई। यह खबर जैसे ही गांव पहुंची, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। सकलदेव अपने बूढ़े माता-पिता का इकलौता सहारा था। अब उनका भविष्य अंधेरे में डूब गया है।

काम के सिलसिले में गया था बाहर, दर्शन के दौरान हादसा
पंचायत के सरपंच खेलानंद यादव ने बताया कि सकलदेव दो-तीन महीने पहले काम की तलाश में अंबाला गया था। वहीं से वह अपने कुछ साथियों के साथ हरिद्वार घूमने गया था। रविवार सुबह वह मनसा देवी मंदिर में दर्शन के लिए गया, जहां अचानक भगदड़ मच गई। इसी दौरान उसकी मौत हो गई।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
हादसे की सूचना सकलदेव के बड़े भाई संतोष बहरदार को सुबह 8-9 बजे मिली। संतोष ने बताया कि भाई की मौत ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है। उनके माता-पिता इस सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं। परिवार का कहना है कि सकलदेव ही उनके बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करता था।

सरकार से इंसाफ और मुआवजे की मांग
संतोष ने सरकार से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा, “हमारे बूढ़े माता-पिता का अब सहारा कौन बनेगा? हमें इंसाफ चाहिए। सरकार दोषियों को सजा दे और परिवार को उचित मुआवजा मिले।”
शव सोमवार को गांव पहुंचेगा
सकलदेव का पार्थिव शरीर सोमवार को उसके पैतृक गांव चरारनी गोढ़ी टोला लाया जाएगा। गांववाले भी इस घटना से आहत हैं और सरकार से शीघ्र सहायता की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस हादसे में एक होनहार युवा ने अपनी जान गंवा दी, जिसके सपने अभी पूरे भी नहीं हुए थे।
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