अररिया (फारबिसगंज): भागकोहलिया पंचायत में मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी सामने आई है। एक ओर जहां वर्षों पहले मर चुके लोगों के नाम अभी भी वोटर लिस्ट में दर्ज हैं, वहीं जीवित और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के नाम सूची से गायब हैं। इसको लेकर क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है और लोग BLO को खोजते फिर रहे हैं, लेकिन पंचायत भवन में कोई सुनवाई नहीं हो रही।

चौंकाने वाले मामले
मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 के तहत जारी ड्राफ्ट लिस्ट में रिजवान खान (वोटर ID: TFS0843011), जिनकी मौत पिछले साल हो चुकी है, और जलीना खातून (वोटर ID: TFS0865063), जिनका निधन 13 साल पहले हुआ, दोनों के नाम सूची में शामिल हैं। सवाल यह है कि आखिर इतनी पुरानी मौत के बावजूद इनका नाम लिस्ट में कैसे आ गया?

जीवित और निर्वाचित प्रतिनिधि गायब
सबसे बड़ी विडंबना यह है कि पंचायत के पूर्व मुखिया पद के प्रत्याशी मोहिउद्दीन का नाम तो सूची में है, लेकिन उनसे पहचान का प्रूफ मांगा जा रहा है। उनकी पत्नी मुस्तारा बेगम, जो मुखिया पद की उम्मीदवार थीं, उनका नाम ही सूची में नहीं है। वहीं, निर्विरोध चुने गए पैक्स सदस्य और उनके परिवार के नाम भी वोटर लिस्ट से नदारद हैं।

जनता परेशान, BLO नदारद
पंचायत भवन में लोग अपने नाम जुड़वाने के लिए भटक रहे हैं, लेकिन बीएलओ का अता-पता नहीं है। मतदाता गहन पुनरीक्षण अभियान की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह लापरवाही न सिर्फ लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है, बल्कि प्रशासन की ओर से की जा रही निगरानी व्यवस्था की भी पोल खोलती है।
प्रशासन से जवाब की मांग
इन गंभीर चूकों को लेकर फारबिसगंज क्षेत्र में आक्रोश है और लोग प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं कि आखिर मृतकों के नाम कैसे सूची में रह गए और जीवित लोग कैसे गायब हो गए?
निष्कर्ष:
मतदाता सूची में इस तरह की गंभीर त्रुटियां न सिर्फ चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करती हैं, बल्कि आम मतदाता के अधिकारों को भी प्रभावित करती हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है।.
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