अररिया, बिहार: नीति आयोग की पहल पर अररिया जिला अब नए विकास की ओर कदम बढ़ा रहा है। इसी दिशा में एक बड़ी पहल के तहत ‘आकांक्षा हाट’ का आयोजन शुक्रवार को अररिया टाउन हॉल में किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी अनिल कुमार ने किया। इस अवसर पर उन्होंने जिले की ग्रामीण प्रतिभा, स्वरोजगार और नवाचार को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
डीएम अनिल कुमार ने कहा कि नीति आयोग ने अररिया को आकांक्षी जिला घोषित कर, यहां की सामाजिक-आर्थिक प्रगति को तेज करने की कोशिश की है। उन्होंने बताया कि “आकांक्षा हाट एक ऐसा मंच है, जो जिले के युवाओं, महिलाओं, कारीगरों और स्थानीय उत्पादों को सीधा बाज़ार से जोड़ने का कार्य करेगा। इससे जहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, वहीं स्थानीय उत्पादों को पहचान भी मिलेगी।”

क्या है आकांक्षा हाट का उद्देश्य?
‘आकांक्षा हाट’ का मुख्य उद्देश्य जिले की स्थानीय प्रतिभा को स्टार्ट-अप और स्वरोजगार से जोड़ना है। यहां युवाओं को अपने उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा, जिससे वे स्वावलंबी बन सकें। इसके साथ ही उन्हें मार्केटिंग, ब्रांडिंग, डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़ाव और उद्यमिता के शुरुआती प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गई है।

युवाओं को स्टार्ट-अप के लिए प्रोत्साहन
डीएम अनिल कुमार ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि “इस मंच का उपयोग करें, अपनी सोच और नवाचार को व्यवसाय में बदलें। आकांक्षा हाट उनके लिए एक नई शुरुआत हो सकती है, जिससे वे न सिर्फ आत्मनिर्भर बनेंगे, बल्कि जिले की अर्थव्यवस्था में भी योगदान दे सकेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि जिला प्रशासन पूरी तरह से युवाओं के साथ खड़ा है और हर स्तर पर उन्हें सहयोग दिया जाएगा।

आकांक्षा हाट की प्रमुख विशेषताएं:
- स्थानीय उत्पादों और सेवाओं की प्रदर्शनी
- उद्यमिता विकास कार्यशालाएं और मार्गदर्शन सत्र
- महिलाओं और युवाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम
- स्वरोजगार से संबंधित सरकारी योजनाओं की जानकारी और सहायता
- डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन बिक्री प्लेटफॉर्म से जोड़ने की पहल
स्थानीय लोगों में उत्साह
आकांक्षा हाट के शुभारंभ के मौके पर बड़ी संख्या में युवा, छात्र, स्थानीय उद्यमी और महिलाएं उपस्थित थीं। सभी ने इस पहल का स्वागत किया और इसे “स्थानीय विकास की दिशा में एक मजबूत कदम” बताया।

निष्कर्ष:
अररिया में आकांक्षा हाट न केवल एक प्रदर्शनी स्थल है, बल्कि यह एक विजन है – आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर अररिया का। नीति आयोग और जिला प्रशासन की इस पहल से निश्चित रूप से जिले में नए रोजगार, नवाचार और सामाजिक-आर्थिक बदलाव की नई लहर देखने को मिलेगी।
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