किशनगंज, बिहार: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने बिहार के सीमांचल क्षेत्र में अपनी राजनीतिक सक्रियता को और धार देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। पार्टी ने किशनगंज जिले के नए जिला अध्यक्ष के रूप में नसीम अख्तर की नियुक्ति की है। यह बदलाव उस समय आया है जब पूर्व जिला अध्यक्ष रहीमुद्दीन उर्फ हैबरबाबा को गंभीर आपराधिक मामलों और सरकारी धन के गबन के आरोपों के चलते पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।

नए अध्यक्ष का स्वागत, संगठन में नई ऊर्जा
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने किशनगंज के कजलामनी स्थित AIMIM कार्यालय में नसीम अख्तर की नियुक्ति की औपचारिक घोषणा की। इस मौके पर कार्यकर्ताओं ने फूल मालाएं पहनाकर और नारों के साथ नए अध्यक्ष का स्वागत किया।
नसीम अख्तर ने पार्टी नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे किशनगंज के सभी समुदायों के लिए निष्पक्ष रूप से कार्य करेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि AIMIM का मुख्य फोकस सामाजिक न्याय, शिक्षा और युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाना रहेगा।

वोटर लिस्ट रिविजन पर सवाल, थर्ड फ्रंट की तैयारी
इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने एक बार फिर बिहार में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण (वोटर लिस्ट रिविजन) प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि सीमांचल के कई इलाकों में हजारों योग्य मतदाताओं के नाम या तो हटाए गए हैं या गलत दर्ज किए गए हैं, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए खतरनाक है।
इसके साथ ही उन्होंने आगामी 2025 के विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र पार्टी की रणनीति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने साफ किया कि AIMIM इस बार किसी बड़े गठबंधन (जैसे इंडी गठबंधन) का हिस्सा नहीं बनेगी। पार्टी अब एक “थर्ड फ्रंट” के रूप में चुनाव मैदान में उतरने की योजना बना रही है, जिसकी औपचारिक घोषणा इसी महीने की जाएगी।
राजद पर साधा निशाना
अख्तरुल ईमान ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि लंबे समय से मुस्लिम और दलित मतदाताओं का केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन उन्हें राजनीतिक प्रतिनिधित्व या बराबरी का दर्जा नहीं दिया गया। AIMIM इस असमानता को चुनौती देने और इन वर्गों को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
पूर्व अध्यक्ष को लेकर पार्टी सख्त
रहीमुद्दीन उर्फ हैबरबाबा को पार्टी से निष्कासित करने को लेकर भी कार्यक्रम में चर्चा हुई। पार्टी ने स्पष्ट किया कि उन पर सरकारी धन के गबन समेत कई संगीन आरोप हैं, और पार्टी की स्वच्छ छवि बनाए रखने के लिए यह कार्रवाई जरूरी थी।
पार्टी संगठन में मजबूती का दावा
इस मौके पर पार्टी के प्रदेश कोषाध्यक्ष इशहाक आलम सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। सभी ने नए अध्यक्ष के नेतृत्व में संगठन को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।
निष्कर्ष:
AIMIM ने किशनगंज में नेतृत्व परिवर्तन कर न केवल संगठन को नई दिशा देने का प्रयास किया है, बल्कि आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सीमांचल क्षेत्र में एक वैकल्पिक राजनीतिक धारा के रूप में खुद को पेश करने की तैयारी भी तेज कर दी है। थर्ड फ्रंट की राजनीति, मतदाता सूची की गड़बड़ियों पर सवाल और राजद पर सीधा हमला — इन सभी बिंदुओं के साथ AIMIM अब आक्रामक मुद्रा में नजर आ रही है।
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