बिहार के सीमावर्ती जिले किशनगंज में एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियों ने चौकसी बढ़ा दी है। भारत-नेपाल सीमा के जरिए आतंकियों के राज्य में घुसने की आशंका के मद्देनजर जिला प्रशासन और पुलिस ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। नेपाल और पश्चिम बंगाल की सीमाओं से सटे इलाकों में विशेष निगरानी और चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।

डीआईजी के निर्देश पर चेकिंग अभियान शुरू
पूर्णिया प्रक्षेत्र के डीआईजी प्रमोद मंडल के निर्देश पर गुरुवार से सीमावर्ती थाना क्षेत्रों में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान पुलिस की टीमें होटल, रेलवे स्टेशन, अस्पताल, बस स्टैंड, पावर सब स्टेशन और राष्ट्रीय राजमार्गों पर संदिग्धों पर नजर रखे हुए हैं।

एसपी खुद कर रहे मॉनिटरिंग
किशनगंज के एसपी सागर कुमार सुरक्षा व्यवस्था की स्वयं मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने सभी सीमावर्ती थानों को सतर्क रहने और एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) के साथ समन्वय बनाकर गश्त तेज करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस को विशेष रूप से निर्देशित किया गया है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि या अनजान व्यक्ति की सूचना तुरंत उच्च अधिकारियों तक पहुंचाई जाए।

ग्रामीण इलाकों में भी सतर्कता
ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुरक्षा के लिए चौकीदारों को अलर्ट किया गया है। उन्हें सख्त निर्देश दिए गए हैं कि गांव में कोई नया या संदिग्ध व्यक्ति दिखाई दे तो उसकी सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस को दें। यह पहल ग्रामीण इलाकों को भी सुरक्षा के दायरे में लाने के लिए की गई है।
क्यों है किशनगंज संवेदनशील?
किशनगंज नेपाल और बांग्लादेश दोनों की सीमाओं से सटा जिला है, जिससे यह क्षेत्र सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना जाता है। पहले भी कई बार इस इलाके को आतंकी नेटवर्क और तस्करी जैसे मामलों में इस्तेमाल किए जाने के इनपुट मिल चुके हैं। इसी वजह से यहां हर गतिविधि पर खुफिया एजेंसियों और स्थानीय प्रशासन की पैनी नजर बनी रहती है।
निगरानी जारी, लोगों से भी सहयोग की अपील
प्रशासन ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। सुरक्षा एजेंसियां लगातार चौकसी बरत रही हैं ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोका जा सके।
यह अलर्ट आने वाले दिनों में भी जारी रहने की संभावना है, जब तक कि स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाती।
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