किशनगंज, बिहार: जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड के बैगना पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 5 के खाड़ीटोला गांव में बुधवार सुबह एक भीषण आग की घटना ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। इस दुर्घटना में चार घर पूरी तरह जलकर राख हो गए, जिससे प्रभावित परिवारों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में दहशत फैला दी है, क्योंकि मात्र दो दिन पहले इसी गांव में एक अन्य परिवार का घर भी आग की चपेट में आ चुका था।

आग से प्रभावित परिवार और नुकसान
जानकारी के अनुसार, पीड़ित नूर आलम के परिवार को इस आग ने सबसे अधिक प्रभावित किया। उनका रहने का मकान, रसोईघर, मवेशी रखने का शेड, और जलावन रखने का स्थान पूरी तरह नष्ट हो गया। घर में रखा सारा सामान, जिसमें कपड़े, अनाज, और अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल थीं, भी जलकर खाक हो गया। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, इस घटना में लगभग 3 से 4 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि आग की लपटें इतनी तेज थीं कि कुछ ही समय में सब कुछ तबाह हो गया।

दो दिन में दूसरी घटना, ग्रामीणों में चिंता
यह घटना खाड़ीटोला गांव में दो दिनों के भीतर दूसरी आग की घटना है। दो दिन पहले भी गांव में एक अन्य परिवार का घर आग की भेंट चढ़ गया था। लगातार हो रही इन घटनाओं ने ग्रामीणों में चिंता और भय का माहौल पैदा कर दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाओं के कारणों की गहन जांच की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी को रोका जा सके।
प्रशासन और अग्निशमन दल की त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही टेढ़ागाछ थानाध्यक्ष मोहम्मद इजहार आलम ने तत्काल कार्रवाई की। पुलिस और अग्निशमन दल को तुरंत घटनास्थल पर भेजा गया। अग्निशमन कर्मियों ने लंबी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक कई परिवार बेघर हो चुके थे। पुलिस और स्थानीय प्रशासन अब आग लगने के कारणों की जांच कर रहे हैं। प्रारंभिक जांच में आग के स्रोत का पता नहीं चल सका है, और इस दिशा में गहन जांच जारी है।
स्थानीय नेताओं का दौरा और सहायता का वादा
घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय जनप्रतिनिधि तुरंत खाड़ीटोला गांव पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। पीड़ित परिवारों ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मुआवजे की मांग की है ताकि वे अपने जीवन को फिर से शुरू कर सकें। नूर आलम और अन्य प्रभावित परिवारों ने बताया कि उनके पास अब न तो रहने की जगह बची है और न ही जीविका का कोई साधन।
प्रशासन से अपील
पीड़ित परिवारों ने जिला प्रशासन से तत्काल राहत और पुनर्वास की व्यवस्था करने की गुहार लगाई है। ग्रामीणों ने यह भी मांग की है कि गांव में आग से बचाव के लिए बेहतर संसाधन और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। इस बीच, स्थानीय समुदाय ने एकजुटता दिखाते हुए पीड़ित परिवारों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है, लेकिन वे चाहते हैं कि सरकार और प्रशासन इस मामले में ठोस कदम उठाए।
आग लगने के कारणों की जांच जारी
आग लगने के सटीक कारणों का पता लगाने के लिए प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। विशेषज्ञों की एक टीम घटनास्थल का दौरा कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आग कैसे और क्यों लगी। ग्रामीणों का कहना है कि बिजली के तारों में शॉर्ट सर्किट या रसोई में चूल्हे से आग की शुरुआत हो सकती है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
यह घटना किशनगंज जिले के लिए एक गंभीर चेतावनी है। ग्रामीण क्षेत्रों में आग से बचाव के लिए बेहतर संसाधनों और जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया जा रहा है। प्रशासन और स्थानीय नेताओं से अपेक्षा है कि वे पीड़ित परिवारों को जल्द से जल्द सहायता प्रदान करें ताकि वे इस त्रासदी से उबर सकें।
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