किशनगंज, बिहार: किशनगंज शहर के मारवाड़ी कॉलेज रोड स्थित गॉड ब्लेस नामक एक कथित नर्सिंग होम में चिकित्सा लापरवाही का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। इस फर्जी नर्सिंग होम में गलत इलाज के कारण एक प्रसूता महिला की मौत हो गई, जिससे इलाके में आक्रोश फैल गया है। मृतका की पहचान पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के भावरोनी गांव निवासी महसुना बेगम के रूप में हुई है।

दलाल के झांसे में आई थी प्रसूता
जानकारी के अनुसार, महसुना बेगम को शुक्रवार को प्रसव पीड़ा होने पर किशनगंज सदर अस्पताल लाया गया था। वहीं, इलाज के इंतजार के दौरान परिजनों की मुलाकात एक दलाल से हुई जिसने उन्हें बेहतर इलाज का भरोसा दिलाते हुए पास के गॉड ब्लेस नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया।

गलत इलाज ने ले ली जान
नर्सिंग होम में महसुना ने एक स्वस्थ पुत्र को जन्म दिया, लेकिन इसके कुछ देर बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। आरोप है कि नर्सिंग होम में मौजूद कर्मचारियों और कथित डॉक्टरों ने इलाज में घोर लापरवाही बरती। हालत गंभीर होने पर उन्हें पूर्णिया के एक निजी नर्सिंग होम में रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

हंगामा और आरोप
महसुना की मौत की खबर मिलते ही परिजन आक्रोशित हो उठे। शनिवार को परिजनों और स्थानीय लोगों ने गॉड ब्लेस नर्सिंग होम के बाहर भारी हंगामा किया और आरोप लगाया कि:
- नर्सिंग होम अवैध रूप से संचालित हो रहा था।
- चिकित्सकों की कोई प्रमाणिकता नहीं थी।
- इलाज के नाम पर मरीजों से ठगी की जाती है।
हंगामे की सूचना मिलते ही नर्सिंग होम का संचालक और अन्य कर्मचारी मौके से फरार हो गए। बताया जा रहा है कि यह नर्सिंग होम एक नवनिर्मित भवन में चलाया जा रहा था, जिसके पास कोई वैध लाइसेंस या मेडिकल पंजीकरण नहीं था।
प्रशासन से कार्रवाई की मांग
मृतका के परिजनों और स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से अवैध रूप से चल रहे इस नर्सिंग होम पर तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही पूरे जिले में चल रहे अन्य फर्जी क्लीनिकों और नर्सिंग होम की भी जांच कर बंद करने की अपील की गई है।

कई सवाल खड़े हुए
इस घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि—
- बिना लाइसेंस और योग्य डॉक्टरों के यह नर्सिंग होम कैसे संचालित हो रहा था?
- दलाल किसके संरक्षण में सक्रिय हैं, जो सरकारी अस्पताल से मरीजों को प्राइवेट सेंटरों में भेजते हैं?
- प्रशासन अब तक इन फर्जी संस्थानों के खिलाफ ठोस कार्रवाई क्यों नहीं कर पाया?
अंतिम शब्द
महसुना बेगम की मौत कोई पहली घटना नहीं है। बिहार और खासकर सीमावर्ती जिलों में फर्जी मेडिकल संस्थानों की भरमार है, जो लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस घटना को एक और आंकड़ा बनाता है या इस पर सख्त कार्रवाई कर उदाहरण पेश करता है।
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