किशनगंज जिले के खगड़ा रेड लाइट क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया, जब चोरी के एक मामले में छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया। वार्ड नंबर 33 में हुई इस घटना में चार पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि एक महिला पुलिस पदाधिकारी पर न केवल धक्का-मुक्की की गई, बल्कि झाड़ू और चप्पल से मारपीट भी की गई।

चोरी के आरोपी की तलाश में पहुंची थी पुलिस टीम
घटना रविवार को उस वक्त हुई जब सदर थाना की पुलिस टीम चोरी के एक मामले (कांड संख्या 485/25) में नामजद आरोपी कादिर की गिरफ्तारी के लिए खगड़ा रेड लाइट क्षेत्र में छापेमारी करने पहुंची थी। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि आरोपी कादिर और उसका परिवार न सिर्फ चोरी में, बल्कि शराब और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे संगीन अपराधों में भी लिप्त है।
जैसे ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची, आरोपियों और उनके परिजनों ने पुलिस पर अचानक हमला कर दिया। हमलावरों ने पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट की और उनके वाहन को भी नुकसान पहुंचाया। स्थिति उस वक्त और बिगड़ गई, जब एक महिला पुलिस अधिकारी, पुष्पांजलि भारती, पर महिलाओं ने झाड़ू और लाठियों से हमला कर दिया।

एक पुलिसकर्मी को गाड़ी से खींचकर पीटा गया
हमलावरों ने न सिर्फ पुलिस वाहन पर पथराव किया, बल्कि एक पुलिसकर्मी को गाड़ी से बाहर खींचकर उसकी बेरहमी से पिटाई की। इस हमले में कुल चार पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिन्हें उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पुलिस ने स्थिति पर पाया काबू, एक आरोपी गिरफ्तार
घटना की जानकारी मिलते ही एसडीपीओ वन गौतम कुमार और सदर थानाध्यक्ष अभिषेक रंजन मौके पर भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक महिला को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
शराब और स्मैक तस्करी में संलिप्त होने का आरोप
एसडीपीओ गौतम कुमार ने बताया कि आरोपी कादिर और उसका परिवार शराब व स्मैक की अवैध तस्करी में भी शामिल है। पुलिस को पहले से इसकी जानकारी थी और उसी आधार पर कार्रवाई की जा रही थी। उन्होंने कहा कि महिला पुलिसकर्मी के साथ हुई मारपीट और बदसलूकी को गंभीरता से लिया जा रहा है, और इसमें शामिल सभी आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एसपी बोले: “मामूली नोकझोंक”, लेकिन जांच जारी
किशनगंज के एसपी सागर कुमार ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रारंभिक जांच में यह मामला महिलाओं और बच्चों द्वारा गिरफ्तारी का विरोध करने से जुड़ी मामूली नोकझोंक प्रतीत होता है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एक महिला को डिटेन किया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है।
पुलिस बल पर हमला: क्या है कानून
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 353 के तहत, किसी सरकारी कर्मचारी पर ड्यूटी के दौरान हमला या बाधा डालना एक दंडनीय अपराध है, जिसमें 2 वर्ष तक की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। महिला पुलिसकर्मी पर हमला होना मामले को और गंभीर बनाता है।
स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
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