नेपाल में हाल ही में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद देश के भीतर विरोध-प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया है। इसके चलते भारत-नेपाल सीमा पर भी सुरक्षा सतर्कता बढ़ा दी गई है। बिहार के अररिया जिले के जोगबनी बॉर्डर और उससे लगे अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है। स्थानीय प्रशासन ने सभी थानों और सशस्त्र सीमा बल (SSB) को हाई अलर्ट पर रखा है।

सोशल मीडिया पर बैन: असंतोष की वजह
नेपाल सरकार ने यूट्यूब समेत कुल 16 लोकप्रिय सोशल मीडिया और संचार ऐप्स पर अचानक प्रतिबंध लगा दिया है। दुबी (नेपाल) के निवासी राजन साह का कहना है कि यह प्रतिबंध उन प्लेटफॉर्म्स पर लगाया गया है जो सरकार और नेताओं के खिलाफ आवाज उठाने का माध्यम बने हुए थे। राजन ने आरोप लगाया कि नेपाल में मौजूदा सरकार एक दमनकारी शासन चला रही है, जो किसी भी प्रकार की आलोचना या असहमति को सहन नहीं कर रही।
राजन के अनुसार, “स्थिति ऐसी बन गई है कि लोग या तो देश छोड़ कर पलायन कर रहे हैं, या फिर अंदरूनी तौर पर मानसिक और सामाजिक दबाव का सामना कर रहे हैं।” सोशल मीडिया पर पाबंदी के चलते आम नागरिकों को सूचना और अभिव्यक्ति की आजादी से वंचित किया जा रहा है।

विरोध की जड़ में छात्र दुर्घटना मामला
विरोध प्रदर्शन की चिंगारी एक हालिया सड़क हादसे से शुरू हुई, जिसमें कथित तौर पर नेपाल के गृह मंत्री की कार ने एक छात्र को टक्कर मार दी। घायल छात्र गंभीर स्थिति में ICU में भर्ती है, लेकिन इस मामले में अब तक किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है। यह घटना जनता के बीच असंतोष का कारण बन गई और धीरे-धीरे पूरे देश में विरोध प्रदर्शनों में तब्दील हो गई।
विराटनगर वार्ड नंबर 6 के निवासी सुरज कुमार साह ने कहा, “यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि कानून केवल आम नागरिकों के लिए है, नेताओं के लिए नहीं। लोगों का भरोसा सिस्टम से उठ चुका है।”

काठमांडू में स्थिति गंभीर, 14 मौतों की खबर
प्रदर्शनों को रोकने के लिए प्रशासन ने सख्ती बरती है। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया जा रहा है। सुरज के अनुसार, राजधानी काठमांडू में अब तक पुलिस कार्रवाई में कम से कम 14 लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों लोग घायल हैं और कई को हिरासत में लिया गया है।

सीमा पर सुरक्षा चाक-चौबंद
इन घटनाओं को देखते हुए भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं। विशेष रूप से बिहार के अररिया जिले के जोगबनी चेकपोस्ट पर निगरानी कड़ी कर दी गई है। सभी वाहनों और यात्रियों की गहन तलाशी ली जा रही है। SSB के जवान बॉर्डर एरिया में पेट्रोलिंग बढ़ा चुके हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
सरकार की चुप्पी, जनता का गुस्सा
नेपाल सरकार की ओर से अब तक इस मुद्दे पर कोई ठोस बयान नहीं आया है। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और पुलिस की सख्ती को लेकर सरकार की चुप्पी जनता के आक्रोश को और भड़का रही है। लोगों का कहना है कि यदि जल्द ही हालात नहीं सुधरे, तो नेपाल एक बड़े सामाजिक और राजनीतिक संकट की ओर बढ़ सकता है।
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