जिले में स्वास्थ्य सेवा के एक महत्वपूर्ण स्तंभ माने जाने वाली 102 एम्बुलेंस सेवा एक बार फिर पटरी पर लौट आई है। बीते कुछ दिनों से हड़ताल पर चल रहे एम्बुलेंस कर्मचारियों ने सोमवार देर रात अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल समाप्त कर दी। इस फैसले से जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की बहाली में तेजी आई है और आम लोगों, खासकर गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोगियों को राहत मिली है।

प्रशासन के हस्तक्षेप से बनी सहमति
सदर अस्पताल परिसर में सोमवार रात एसडीओ अनिकेत कुमार और जिला स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) डॉ. मुनाजिम ने हड़ताली कर्मचारियों के साथ वार्ता की। यह बातचीत सकारात्मक माहौल में संपन्न हुई और प्रशासन ने कर्मचारियों की मांगों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया।
वार्ता के दौरान प्रशासन ने कर्मचारियों को यह भरोसा दिलाया कि उनकी प्रमुख मांगों — वेतन वृद्धि, कार्यस्थल पर बेहतर सुविधाएं, और नौकरी का नियमितीकरण — पर समुचित कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की। प्रशासन की ओर से प्रतीकात्मक रूप से कर्मचारियों को माला पहनाकर उनका स्वागत किया गया और सेवा में वापसी का स्वागत किया गया।

सेवाएं हुई बहाल, मरीजों ने ली राहत की सांस
हड़ताल समाप्त होते ही सभी एम्बुलेंसकर्मी अपने-अपने ड्यूटी पर लौट आए। जिले में 102 एम्बुलेंस सेवा के तहत दर्जनों एम्बुलेंस संचालित होती हैं, जो विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं, और गंभीर रोगियों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए तैनात रहती हैं।
हड़ताल के कारण इन आवश्यक सेवाओं में बाधा उत्पन्न हो गई थी, जिससे कई मरीजों को निजी वाहनों या महंगे साधनों का सहारा लेना पड़ा। सेवाएं बहाल होने के बाद मरीजों और उनके परिजनों ने राहत की सांस ली है।

डीपीएम ने कही अहम बात
डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने बातचीत में कहा,
“जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था में 102 एम्बुलेंस सेवा रीढ़ की हड्डी के समान है। ऐसे में इसका सुचारू रूप से चलना बेहद आवश्यक है। हड़ताल के दौरान कई मरीजों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जिसे अब टालने का प्रयास किया जा रहा है।“
उन्होंने यह भी बताया कि प्रशासन स्वास्थ्यकर्मियों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है और संबंधित विभागों को कर्मचारियों की मांगों पर जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए जाएंगे।
भविष्य में टालने होंगे ऐसे हालात
हालिया घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारियों की समस्याओं की अनदेखी भविष्य में गंभीर परिणाम ला सकती है। प्रशासन और संबंधित विभागों के लिए यह एक सबक है कि स्वास्थ्य कर्मियों की बातों को समय रहते सुना और सुलझाया जाना चाहिए, ताकि मरीजों को कभी भी जरूरी सेवाओं से वंचित न होना पड़े।
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