किशनगंज: बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ लेते हुए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है। इस घोषणा के साथ ही उन्होंने “सनातनी राजनीति” की शुरुआत का शंखनाद करते हुए गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की जोरदार मांग उठाई है।
शंकराचार्य इन दिनों बिहार में गौ मतदाता संकल्प यात्रा पर हैं, जिसके तहत वे विभिन्न जिलों में गौ भक्तों और रक्षकों से संवाद कर रहे हैं। मंगलवार को किशनगंज शहर के दिगंबर जैन भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए केंद्र सरकार और राजनीतिक दलों पर गंभीर सवाल खड़े किए।
बिहार विधानसभा चुनाव में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का बड़ा ऐलान
गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग
शंकराचार्य ने कहा:
“हिंदू समाज गाय को माता मानता है, लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक अपने फायदे के चलते गौ हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया है। यह सिर्फ राजनीतिक दलों के लिए एक चुनावी मुद्दा भर बनकर रह गया है।”
उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक गाय को संविधान में राष्ट्रमाता का दर्जा नहीं दिया जाएगा, तब तक भारत की आत्मा सुरक्षित नहीं हो सकती।
बिहार विधानसभा चुनाव में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का बड़ा ऐलान
सभी विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार
इस अवसर पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने एक और बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि उनकी ओर से बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर सनातनी विचारधारा से प्रेरित उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि वे स्वयं गौ भक्तों के पक्ष में प्रचार करेंगे और सनातन मूल्यों की रक्षा के लिए जनसमर्थन जुटाएंगे।
बिहार विधानसभा चुनाव में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का बड़ा ऐलान
वर्तमान राजनीतिक दलों पर निशाना
शंकराचार्य ने आरोप लगाया कि आज के किसी भी राजनीतिक दल का आचरण सनातन धर्म के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा:
“भारत में ऐसा कोई राजनीतिक दल नहीं है जो वास्तव में सनातनी राजनीति कर रहा हो। वे खुद को सनातनी कह जरूर रहे हैं, लेकिन उनके कर्म और नीतियाँ सनातन सिद्धांतों से कोसों दूर हैं।”
बिहार विधानसभा चुनाव में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का बड़ा ऐलान
गौ रक्षकों को दिलाई गई मतदान की शपथ
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने उपस्थित गौ रक्षकों और भक्तों को विशेष रूप से शपथ दिलवाई कि वे चुनाव में उसी प्रत्याशी को वोट देंगे जो सनातनी सिद्धांतों और गौ रक्षा के लिए समर्पित हो।
प्रमुख लोग रहे मौजूद
इस कार्यक्रम में शंकराचार्य जी महाराज के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शैलेन्द्र योगिराज सरकार, मनोज गट्टानी, डिंपल शर्मा, कमल मित्तल और डॉ. शेखर जालान सहित कई अन्य गौ भक्त और समर्थक उपस्थित रहे।
निष्कर्ष:
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की यह पहल बिहार की राजनीति में एक नई वैचारिक बहस को जन्म दे सकती है। जहां एक ओर यह सनातनी राजनीति को मुख्यधारा में लाने का प्रयास है, वहीं दूसरी ओर यह गाय, धर्म और राष्ट्रवाद जैसे मुद्दों को चुनावी मंच पर केंद्र में लाने का संकेत भी है। अब देखना यह होगा कि इस पहल को बिहार की जनता से कितना समर्थन मिलता है और यह राज्य की राजनीति को किस दिशा में ले जाता है।