बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 को देखते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने संगठन को मजबूती देने की तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी क्रम में 21 सितंबर को सीमांचल के किशनगंज जिले में एनडीए का एक भव्य कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है, जो गठबंधन की एकजुटता और चुनावी रणनीति के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता श्रवण कुमार, जो कार्यकर्ताओं को संबोधित कर आगामी चुनावों को लेकर पार्टी की दिशा और नीतियों पर प्रकाश डालेंगे। आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं और इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है।

सभी घटक दलों की भागीदारी
इस सम्मेलन में एनडीए के सभी घटक दलों — जेडीयू, भाजपा, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा — के नेता और कार्यकर्ता एक मंच पर नजर आएंगे। आयोजकों का दावा है कि सम्मेलन में 10,000 से अधिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति दर्ज होगी, जिससे यह सीमांचल क्षेत्र में एनडीए का अब तक का सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन बन सकता है।

मिस्बाह उद्दीन की सक्रिय भूमिका
हाल ही में जेडीयू में शामिल हुए मिस्बाह उद्दीन इस आयोजन में एक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। युवाओं में लोकप्रिय चेहरा माने जाने वाले मिस्बाह अपनी सामाजिक और राजनीतिक सक्रियता के कारण लगातार चर्चा में बने हुए हैं। जेडीयू सूत्रों का मानना है कि उनकी पार्टी में एंट्री से किशनगंज और आसपास के इलाकों में संगठन को नई ऊर्जा और मजबूती मिलेगी।

“225 सीटों का लक्ष्य” और “फिर से नीतीश” का नारा
प्रेस वार्ता के दौरान जेडीयू नेता फैसल अहमद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य तेज गति से विकास की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि एनडीए आगामी विधानसभा चुनाव में 225 सीटों के लक्ष्य के साथ मैदान में उतरेगा। मंत्री श्रवण कुमार भी अपने हालिया दौरों में कार्यकर्ताओं से “फिर से नीतीश” के नारे को बुलंद करने की अपील कर चुके हैं।

सीमांचल की राजनीति में अहम मोड़
किशनगंज सम्मेलन को एनडीए की सीमांचल में राजनीतिक पकड़ मजबूत करने की रणनीति के तहत देखा जा रहा है। इस क्षेत्र में परंपरागत रूप से विपक्षी दलों का प्रभाव रहा है, ऐसे में यह सम्मेलन एक राजनीतिक संदेश देने की कोशिश भी मानी जा रही है कि एनडीए अब सीमांचल में भी अपनी संगठनात्मक ताकत और सामूहिक नेतृत्व के दम पर चुनावी समर में पूरी तैयारी के साथ उतर रहा है।
निष्कर्ष
21 सितंबर को किशनगंज में होने वाला यह कार्यकर्ता सम्मेलन न केवल आगामी चुनाव की तैयारियों का आगाज है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि एनडीए सीमांचल जैसे संवेदनशील और रणनीतिक इलाके में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के लिए गंभीर है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस सम्मेलन के जरिए गठबंधन को कितनी राजनीतिक बढ़त मिलती है और यह आने वाले महीनों में प्रदेश की राजनीति को किस दिशा में मोड़ता है।
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