राजनीतिक गतिविधियों से सराबोर चुनावी वर्ष में बिहार की सियासत एक नए मोड़ पर पहुंचती दिख रही है। सभी प्रमुख राजनीतिक दल जनता का भरोसा जीतने की होड़ में जुटे हैं। इसी क्रम में जनसुराज पार्टी की ओर से किशनगंज विधानसभा सीट पर भावी प्रत्याशी डॉ. तारा स्वेता आर्या ने सोमवार को एक भव्य रोडशो का आयोजन किया, जिसने पूरे इलाके में नई ऊर्जा का संचार कर दिया।
यह रोडशो जनसुराज पार्टी की “बिहार बदलाव यात्रा” का हिस्सा था, जिसे पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर के नेतृत्व में प्रदेश भर में चलाया जा रहा है। डॉ. तारा स्वेता का यह रोडशो किशनगंज के डेमार्केट से प्रारंभ होकर रुइधासा, हालिम चौक, पश्चिमपाली, चुड़ीपट्टी, लोहारपट्टी, गाछपाड़ा और बेलवा होते हुए हालामाला गांव तक पहुंचा। पूरे मार्ग में लोगों ने फूल-मालाओं, ढोल-नगाड़ों और नारेबाजी के साथ जोरदार स्वागत किया।

जनता से संवाद और वादों की बात
रोडशो के दौरान डॉ. तारा स्वेता ने स्थानीय नागरिकों से सीधे संवाद स्थापित किया, उनकी समस्याएं सुनीं और जनसुराज के विजन को साझा किया। उन्होंने कहा, “बिहार की तस्वीर तभी बदलेगी जब व्यवस्था बदलेगी। जनसुराज पार्टी जनता की बातों को प्राथमिकता देती है और हम बदलाव की राजनीति में विश्वास रखते हैं, न कि सिर्फ वादों की।”
डॉ. स्वेता ने यह भी स्पष्ट किया कि जनसुराज पार्टी जिन पांच प्रमुख मुद्दों को लेकर जनता के बीच काम कर रही है, वे हैं:
- बच्चों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा की सुविधा।
- महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सस्ते ब्याज पर ऋण की उपलब्धता।
- बेरोजगारी के चलते मजदूरों के पलायन पर रोक।
- ‘जनसुराज परिवार लाभ कार्ड’ के माध्यम से जरूरतमंदों तक सरकारी योजनाओं की सीधी पहुंच।
- स्थानीय विकास को प्राथमिकता देते हुए हर वर्ग को साथ लेकर चलने की नीति।
स्कूली बच्चों को बांटे बैग, शिक्षा पर दिया जोर
हालामाला गांव पहुंचने पर डॉ. तारा स्वेता ने एक स्कूल का दौरा किया और वहां पढ़ने वाले बच्चों के बीच स्कूल बैग का वितरण किया। उन्होंने कहा, “बिहार के भविष्य को संवारने के लिए हमें अपने बच्चों को शिक्षित और सशक्त बनाना होगा।”
इस भावुक क्षण के दौरान उन्होंने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और शिक्षा को समाज परिवर्तन का मूल आधार बताया।

रोडशो में उत्साह, नारेबाजी से गूंजा माहौल
सैकड़ों की संख्या में जुटे समर्थकों ने पूरे रोडशो को एक जनउत्सव में तब्दील कर दिया। “बदलाव की लहर, जनसुराज का कहर” जैसे नारों से पूरा माहौल गूंज उठा। डॉ. स्वेता की अगुआई में निकले इस काफिले में युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों की भी अच्छी-खासी भागीदारी रही।

किशनगंज में बदलाव की बयार?
यह क्षेत्र अब तक महागठबंधन का गढ़ माना जाता रहा है, लेकिन जनसुराज पार्टी की इस सक्रियता और स्थानीय जनता के उत्साह से यह संकेत मिल रहा है कि आगामी विधानसभा चुनावों में मुकाबला दिलचस्प हो सकता है। जनसुराज की यह पहल जनता के बीच नई उम्मीदें जगा रही है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशांत किशोर के नेतृत्व में जनसुराज पार्टी की यह “बदलाव यात्रा” क्या वाकई बिहार की राजनीति में नई हवा का रुख बदलने में सफल हो पाती है या नहीं।
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