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किशनगंज में दुर्गा पूजा का शांतिपूर्ण समापन

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किशनगंज जिले में नवरात्रि और दुर्गा पूजा का समापन इस वर्ष पूरी श्रद्धा, भक्ति और सांस्कृतिक भव्यता के साथ हुआ। नौ दिनों तक चले इस धार्मिक आयोजन के बाद सोमवार को जिलेभर में माँ दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच किया गया। विसर्जन के दौरान भक्तों का उत्साह चरम पर था, और सड़कों पर निकले जुलूसों में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने आयोजन को विशेष बना दिया।

किशनगंज में दुर्गा पूजा का शांतिपूर्ण समापन
किशनगंज में दुर्गा पूजा का शांतिपूर्ण समापन

पूरे जिले में दिखा उत्सव का उत्साह

शहर के प्रमुख पूजा पंडालों—जैसे ठाकुरबाड़ी, महावीर मंदिर, गौरीपुर रोड और ठाकुरगंज क्षेत्र—में इस वर्ष भव्य सजावट और धार्मिक आयोजनों के साथ मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की गई। अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन, संधि पूजा और विशाल भंडारों का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल हुए।

पूरे जिले में धार्मिक आस्था के साथ-साथ सांस्कृतिक रंग भी बिखरे दिखे। स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत धार्मिक नृत्य, भजन, और झांकियों ने पूजा पंडालों और विसर्जन जुलूसों को जीवंत बना दिया। महिलाओं ने पारंपरिक परिधान में सिंदूर खेला की रस्म निभाई, जो बंगाल और बिहार में दुर्गा पूजा के समापन का एक प्रमुख प्रतीक होती है। वहीं, बच्चों ने रंग-बिरंगे परिधानों में पारंपरिक लोकनृत्य और झांकियों में भाग लेकर आयोजन को विशेष बना दिया।

किशनगंज में दुर्गा पूजा का शांतिपूर्ण समापन
किशनगंज में दुर्गा पूजा का शांतिपूर्ण समापन

विसर्जन जुलूस में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

जिले में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क रहा। पुलिस अधीक्षक (SP) सागर कुमार ने बताया कि सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई थी। जुलूसों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन की मदद ली गई। सभी प्रमुख मार्गों पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।

किशनगंज में दुर्गा पूजा का शांतिपूर्ण समापन
किशनगंज में दुर्गा पूजा का शांतिपूर्ण समापन

मां के स्वरूपों को किया जीवंत

विसर्जन जुलूसों के दौरान कलाकारों ने मां दुर्गा के विभिन्न रूपों—जैसे महिषासुरमर्दिनी, चंडी, काली और भुवनेश्वरी—का जीवंत चित्रण प्रस्तुत किया। ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाचते हुए श्रद्धालुओं की टोली और झांकी प्रदर्शन ने माहौल को भक्तिमय बना दिया।

स्थानीय कलाकार रवि गुप्ता ने कहा, “इन प्रस्तुतियों का उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि युवाओं को हमारी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ना है। मां दुर्गा के स्वरूप शक्ति, विजय और न्याय के प्रतीक हैं, और हम इस संदेश को कला के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाते हैं।”

किशनगंज में दुर्गा पूजा का शांतिपूर्ण समापन
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तालाबों और नदी में हुआ विसर्जन

विसर्जन यात्राएं किशनगंज नदी और आसपास के स्थानीय तालाबों तक पहुंचीं, जहां परंपरागत विधियों के अनुसार प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर राज्य की समृद्धि, सुख-शांति और सामाजिक समरसता की प्रार्थना की।

सांस्कृतिक एकता का संदेश

किशनगंज, जो कि बिहार का सीमावर्ती जिला है, वहां इस प्रकार का भव्य और शांतिपूर्ण आयोजन सांस्कृतिक एकता और सामाजिक समरसता का प्रतीक बन गया। विभिन्न वर्गों, समुदायों और आयु वर्ग के लोगों ने इसमें भाग लेकर यह संदेश दिया कि त्योहार न सिर्फ धार्मिक आस्था का माध्यम हैं, बल्कि समाज को जोड़ने वाली एक मजबूत कड़ी भी हैं।

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