बिहार में चुनाव प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, सुविधाजनक और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner – CEC) ज्ञानेश कुमार ने पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बिहार में हाल ही में संपन्न SIR (Service Improvement Reform) पूरी तरह से सफल रहा है और इसे अब पूरे देश में लागू किया जाएगा।

SIR की सफलता और विस्तार
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में 24 जून 2025 को SIR शुरू हुआ था और यह समय पर सफलतापूर्वक पूरा हुआ। यह मतदाता सूची सुधार और पुनरीक्षण का एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम था, जिसने मतदाता डेटा को अधिक सटीक और अपडेटेड बनाया। उन्होंने बिहार के मतदाताओं का भी इस प्रक्रिया में सहयोग करने के लिए धन्यवाद किया। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि बिहार का यह मॉडल पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा।

बूथ लेवल ऑफिसरों का अहम योगदान
उन्होंने बताया कि बिहार में 90,217 बूथ लेवल ऑफिसरों (BLOs) ने बेहद अच्छा कार्य किया है, जिनकी मेहनत से चुनाव प्रक्रिया सुचारू और प्रभावी रही। बिहार में BLOs की कार्यप्रणाली को देखकर पूरे देश में इन्हें नियुक्त करने की योजना है।

चुनाव प्रक्रिया में तकनीकी सुधार
मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव प्रक्रिया को और सरल, पारदर्शी और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए कई नई पहलें भी घोषित कीं:
- मोबाइल फोन लेकर बूथ जाना अब संभव: मतदाता अब अपने मोबाइल फोन लेकर सीधे पोलिंग बूथ पहुंच सकेंगे। इससे पहले मतदाताओं को मोबाइल घर या कहीं और छोड़कर आना पड़ता था।
- पोलिंग एजेंटों की दूरी सीमा: अब पोलिंग एजेंट पोलिंग बूथ के बाहर 100 मीटर की दूरी पर बैठ सकेंगे, जिससे वे मतदान प्रक्रिया पर नजर रख सकेंगे।
- EVM पर प्रत्याशियों की रंगीन तस्वीरें: बिहार में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर प्रत्याशियों की कलर फोटो लगाई जाएगी, ताकि मतदाताओं को पहचानने में आसानी हो।
- वन स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म: बिहार में एक डिजिटल प्लेटफॉर्म लागू किया जाएगा, जो चुनाव संबंधित सभी जानकारियों को एक स्थान पर उपलब्ध कराएगा।
- 100% वेबकास्टिंग: बिहार के सभी पोलिंग बूथों की 100% वेबकास्टिंग की जाएगी, जिससे चुनाव प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी होगी और कोई गड़बड़ी नहीं हो सकेगी।
नए मतदान नियम और सुविधाएं
- BLO के लिए ID कार्ड: मतदाता जब अपने बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) से मिलें तो उन्हें आसानी से पहचान सकें, इसके लिए BLOs को ID कार्ड जारी किए जाएंगे।
- मतदान केंद्र पर मोबाइल जमा सुविधा: मतदाता अब पोलिंग बूथ के बाहर मोबाइल जमा कर वोट दे सकेंगे, जिससे मतदान के दौरान मोबाइल का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा।
- मतदाताओं की संख्या सीमित: बिहार के अलावा पूरे देश में अब किसी भी पोलिंग बूथ पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे, जिससे मतदान प्रक्रिया और व्यवस्थित होगी।
वोटर कार्ड में बदलाव
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि जिन मतदाताओं के वोटर कार्ड में कोई डेटा परिवर्तन हुआ है, उन्हें 15 दिनों के भीतर नया ई-पिक (ई-पोलिंग कार्ड) प्राप्त हो जाएगा। वहीं जिनके वोटर कार्ड में कोई बदलाव नहीं हुआ है, वे अपने पुराने वोटर कार्ड को मान्य मानेंगे। इसके अलावा, मतदान के लिए पहले से मान्य दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पासपोर्ट आदि का इस्तेमाल आगे भी किया जा सकेगा।
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