एआईएमआईएम (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को किशनगंज के बहादुरगंज में आयोजित एक जनसभा में जमकर विरोधियों पर हमला बोला। कॉलेज मैदान में उमड़ी भारी भीड़ के बीच ओवैसी ने कहा कि पिछले चुनाव में AIMIM के टिकट पर जीतने के बाद जिन विधायकों ने पार्टी और सीमांचल की जनता को धोखा दिया, उन्हें इस बार जनता सबक सिखाएगी।

“जनता को नहीं भूला धोखा”
ओवैसी ने तीखे लहजे में कहा, “जो विधायक अपनी जमीर बेचकर दूसरी पार्टियों में चले गए, उन्होंने सीमांचल की अवाम के जज्बात से खेला। ये लोग अब जनता की अदालत में जाएंगे और जनता उन्हें जवाब देगी। AIMIM सीमांचल को मजबूत देखना चाहती है, लेकिन इसके लिए लोगों को खुद उठना होगा और अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी।”

धर्म और अधिकारों की रक्षा का संकल्प
सभा में ओवैसी ने धर्म और धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “भारत का संविधान सभी को अपने मजहब पर चलने की इजाजत देता है। हम दिलों पर हमला बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर कोई ‘लव मोहम्मद’ का पोस्टर लेकर चलता है, तो प्रशासन को इससे दिक्कत क्यों है?”
उन्होंने जोर देते हुए कहा, “अगर कोई दंगा फैलाता है तो कानून उसे सजा दे। लेकिन पोस्टर ले जाना गुनाह नहीं है। ये हमारे संवैधानिक अधिकार हैं, जिन्हें कोई नहीं छीन सकता।”

सरकार पर सीधा हमला
ओवैसी ने सीमांचल की बदहाली पर राज्य और केंद्र सरकारों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सरकारें सिर्फ जुमलेबाजी करती हैं, लेकिन न सीमांचल का विकास हुआ, न अस्पतालों की हालत सुधरी और न ही भ्रष्टाचार पर लगाम लगी।
उन्होंने कहा, “जालिम हुक्मरानों की कोशिश है कि हमारे दिलों से रसूल का नाम मिटा दें। लेकिन हम अपने रसूल, अपने मजहब और अपने हक के लिए खड़े हैं।”

सीमांचल की लीडरशिप पर फोकस
AIMIM प्रमुख ने साफ कहा कि उनकी लड़ाई सीमांचल की लीडरशिप बढ़ाने के लिए है। “हमें अपना लीडर खुद चुनना होगा। अपने बच्चों के मुस्तकबिल (भविष्य) और इंसाफ के लिए वोट देना होगा। तभी सीमांचल में हमारा नेता होगा, जो हमारी बात करेगा, हमारे हक के लिए लड़ेगा।”
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