अररिया — बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की औपचारिक घोषणा के साथ ही पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct – MCC) को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत अब राजनीतिक दलों की प्रचार सामग्री—जैसे बैनर, पोस्टर, होर्डिंग्स आदि—को तय समय-सीमा के भीतर हटाना अनिवार्य कर दिया गया है।
राज्य के सभी जिलों में प्रशासन और नगर निकायों ने इस दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है। अररिया जिला प्रशासन इस अभियान में सबसे पहले सक्रिय दिखा, जहां शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लगे राजनीतिक बैनरों और पोस्टरों को हटाने के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं।

चौक-चौराहों पर सक्रिय नगर परिषद की टीमें
अररिया नगर परिषद की टीमें शहर के प्रमुख चौक-चौराहों, सार्वजनिक भवनों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर तेजी से अभियान चला रही हैं। इन टीमों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि चुनाव आयोग के निर्देशों के तहत प्रचार सामग्री को हटाने का कार्य निर्धारित समय-सीमाओं में ही पूरा किया जाए।

प्रचार सामग्री हटाने के लिए तय की गई समय-सीमा
जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी अनिल कुमार ने प्रेस को जानकारी दी कि भारत निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अलग-अलग स्थानों पर लगी प्रचार सामग्री को हटाने के लिए तीन स्तरों पर समय-सीमा निर्धारित की गई है:
- सरकारी कार्यालयों के अंदर व आसपास लगे बैनर-पोस्टर: 24 घंटे के भीतर हटाना अनिवार्य
- सार्वजनिक स्थलों पर लगी राजनीतिक सामग्री: 48 घंटे की समय-सीमा
- निजी संपत्तियों पर लगाए गए प्रचार बैनर-पोस्टर: 72 घंटे के भीतर हटाने का निर्देश
अनिल कुमार ने स्पष्ट किया कि इस अभियान में लापरवाही या नियमों की अनदेखी करने वाले किसी भी व्यक्ति या संस्था के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आचार संहिता का उल्लंघन पड़ेगा भारी
निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार, आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी सार्वजनिक या निजी स्थान पर बिना अनुमति के प्रचार सामग्री का प्रदर्शन पूरी तरह से प्रतिबंधित है। यह नियम सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों पर समान रूप से लागू होगा।
जिला प्रशासन ने सभी विभागों को निर्देशित किया है कि वे तय समय-सीमा के भीतर सभी अवैध प्रचार सामग्री को हटवाएं और इसका नियमित निरीक्षण भी सुनिश्चित करें।
जनता ने किया अभियान का स्वागत
स्थानीय नागरिकों ने जिला प्रशासन की इस त्वरित कार्रवाई की सराहना की है। उनका कहना है कि चुनावों के दौरान शहरों में अव्यवस्थित और अनियंत्रित प्रचार सामग्री से जहां शहर की सुंदरता बिगड़ती है, वहीं यह कई बार ट्रैफिक और सफाई व्यवस्था को भी प्रभावित करती है।
नागरिकों को उम्मीद है कि इस बार चुनाव प्रक्रिया न केवल निष्पक्ष और पारदर्शी, बल्कि शांति और स्वच्छता के साथ संपन्न होगी।











