किशनगंज/कोचाधामन। बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही सीमांचल के राजनीतिक माहौल में हलचल तेज हो गई है। खासकर किशनगंज ज़िले के कोचाधामन विधानसभा क्षेत्र में टिकट वितरण को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और महागठबंधन के घटक दलों के बीच खींचतान तेज हो गई है। इस बीच, पूर्व विधायक और RJD नेता मास्टर मुजाहिद आलम ने एक वीडियो संदेश जारी कर चुनावी मंसूबों को लेकर बड़ा बयान दिया है।

“मैं लड़ूंगा तो सिर्फ कोचाधामन से”
अपने बयान में मुजाहिद आलम ने स्पष्ट किया कि यदि वे आगामी विधानसभा चुनाव लड़ते हैं तो वह सिर्फ कोचाधामन सीट से ही लड़ेंगे। उन्होंने मीडिया और सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही उन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया जिनमें उन्हें बहादुरगंज, किशनगंज या अन्य किसी सीट से संभावित उम्मीदवार बताया जा रहा था।
मुजाहिद आलम ने कहा: “मेरी राजनीति का केंद्र कोचाधामन रहा है। मैं यहां के लोगों के साथ हर सुख-दुख में खड़ा रहा हूं। अगर चुनाव लड़ूंगा, तो सिर्फ और सिर्फ कोचाधामन से ही लड़ूंगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि महागठबंधन के सभी घटक दलों के बीच सीटों को लेकर मंथन अंतिम चरण में है और जल्द ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
राजनीतिक पृष्ठभूमि: जेडीयू से आरजेडी तक का सफर
मास्टर मुजाहिद आलम बिहार की राजनीति में एक जाना-पहचाना नाम हैं। वे पहले जनता दल यूनाइटेड (JDU) से दो बार कोचाधामन से विधायक रह चुके हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाते थे। हालांकि, जुलाई 2020 में वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए उन्होंने JDU से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वे तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में शामिल हो गए।
तेजस्वी यादव ने स्वयं किशनगंज के सुंदरबाड़ी स्थित किसान कॉलेज में उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। RJD में आने के बाद से ही मुजाहिद आलम सीमांचल के सामाजिक और विकासात्मक मुद्दों पर लगातार सक्रिय रहे हैं।

2020 की हार और बदलते समीकरण
2020 के विधानसभा चुनाव में मास्टर मुजाहिद आलम को JDU के टिकट पर AIMIM के हाजी इजहार अशरफी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, चुनाव के बाद हाजी इजहार अशरफी ने AIMIM छोड़कर RJD का दामन थाम लिया। अब कोचाधामन में दोनों नेता एक ही पार्टी में हैं, लेकिन दोनों के बीच टिकट को लेकर सीधी टक्कर सामने आ रही है।
जहां एक ओर मास्टर मुजाहिद आलम को क्षेत्र में लंबे समय तक काम करने और पूर्व विधायक रहने का अनुभव है, वहीं वर्तमान विधायक हाजी अशरफी को भी अपनी वर्तमान स्थिति और समर्थन पर भरोसा है। मास्टर मुजाहिद के ताजा बयान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि टिकट को लेकर अब मुकाबला आरजेडी के अंदर ही सुलझेगा, जो कि पार्टी के लिए एक कठिन निर्णय साबित हो सकता है।

कोचाधामन: सीमांचल की निर्णायक सीट
कोचाधामन विधानसभा क्षेत्र सीमांचल की राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील और अहम सीटों में से एक है। यहां की आबादी में मुस्लिम और पिछड़े वर्ग की संख्या निर्णायक मानी जाती है। क्षेत्र में बाढ़, बेरोजगारी, शिक्षा और बुनियादी विकास जैसे मुद्दे लंबे समय से चर्चा में हैं।
2020 में AIMIM ने यहां अप्रत्याशित रूप से जीत दर्ज कर राजनीतिक विश्लेषकों को चौंका दिया था। लेकिन हाजी अशरफी के RJD में आने से समीकरण बदल चुके हैं। अब देखना यह होगा कि RJD इस सीट पर किसे उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारती है – पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम को या वर्तमान विधायक हाजी इजहार अशरफी को।
राजनीतिक सरगर्मी तेज
मास्टर मुजाहिद आलम के इस बयान के बाद कोचाधामन समेत पूरे किशनगंज जिले की राजनीति में सरगर्मी और तेज हो गई है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, टिकट को लेकर शीर्ष नेतृत्व पर दबाव बढ़ता जा रहा है, और महागठबंधन के अन्य दल भी इस सीट पर अपनी भूमिका तलाश रहे हैं।
निष्कर्ष:
मास्टर मुजाहिद आलम का यह बयान न केवल उनकी राजनीतिक स्थिति को स्पष्ट करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कोचाधामन सीट पर आगामी विधानसभा चुनाव में किस कदर सियासी उबाल आने वाला है। टिकट किसे मिलेगा और जनता किसे मौका देगी — यह आने वाला समय ही बताएगा।
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