किशनगंज, बिहार। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने शनिवार को अपनी रणनीति का पहला महत्वपूर्ण कदम उठाया। पार्टी ने किशनगंज जिले के सिंघिया स्थित कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान पहली सूची में 16 जिलों की 32 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की।
इस मौके पर बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आदिल हुसैन उपस्थित रहे। AIMIM की यह पहल कई मायनों में ऐतिहासिक रही। आमतौर पर प्रमुख राजनीतिक दल उम्मीदवारों की सूची राज्य की राजधानी पटना से जारी करते हैं, लेकिन AIMIM ने इस परंपरा को तोड़ते हुए किशनगंज से सूची जारी की है। इसे पार्टी द्वारा सीमांचल और मुस्लिम बहुल इलाकों में अपनी गहरी राजनीतिक पकड़ दिखाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

📌 घोषित सीटें और जिले
AIMIM की पहली सूची में जिन जिलों और सीटों को शामिल किया गया है, वे इस प्रकार हैं:
किशनगंज जिला (4 सीटें)
- किशनगंज
- कोचाधामन
- बहादुरगंज
- ठाकुरगंज
पूर्णिया जिला (3 सीटें)
- अमौर
- बायसी
- कसबा
कटिहार जिला (5 सीटें)
- बलरामपुर
- प्राणपुर
- मनिहारी
- बरारी
- कदवा
अररिया जिला (2 सीटें)
- हाट
- अररिया
गया जिला (2 सीटें)
- शेरघाटी
- बेलागंज
पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) (2 सीटें)
- ढाका
- नरकटिया
अन्य जिलों से चयनित सीटें
- नवादा: नवादा
- जमुई: सिकंदरा
- भागलपुर: नाथनगर, भागलपुर
- सिवान: सिवान
- दरभंगा: जाले, दरभंगा ग्रामीण, केवटी, गौरा बौराम
- समस्तीपुर: कल्याणपुर
- सीतामढ़ी: बाजपट्टी
- मधुबनी: बिस्फी
- वैशाली: महुआ
- गोपालगंज: गोपालगंज
🤝 गठबंधन की संभावनाएं और तीसरे मोर्चे की तैयारी
अख्तरुल ईमान ने बताया कि AIMIM ने राजद (राष्ट्रीय जनता दल) को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें “सेकुलर वोटों के विखराव को रोकने” के उद्देश्य से गठबंधन की पेशकश की गई थी। लेकिन चूंकि यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया गया, पार्टी ने तीसरे मोर्चे के रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि AIMIM का उद्देश्य न केवल राजनीतिक सत्ता हासिल करना है, बल्कि उन वर्गों की आवाज़ बनना है जिन्हें अब तक मुख्यधारा की राजनीति में उपेक्षित किया गया है।

👩🦰 महिलाओं को मिलेगा प्रतिनिधित्व
पार्टी ने इस सूची में भले ही प्रत्याशियों के नाम उजागर नहीं किए हैं, लेकिन अख्तरुल ईमान ने स्पष्ट किया कि महिलाओं को भी सम्मानजनक प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में पार्टी की ओर से अन्य जिलों की सीटों के लिए भी प्रत्याशियों की घोषणा की जाएगी।

🔍 राजनीतिक समीकरण और रणनीति
AIMIM की इस घोषणा को सीमांचल और मुस्लिम बहुल इलाकों में पार्टी की बढ़ती राजनीतिक सक्रियता के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। किशनगंज, कटिहार, अररिया और पूर्णिया जैसे जिलों में AIMIM का मजबूत जनाधार है, और 2020 विधानसभा चुनाव में कोचाधामन से पार्टी को सफलता भी मिली थी।

राज्य में चुनावी माहौल तेजी से गरमा रहा है और AIMIM का यह कदम न केवल पार्टी की चुनावी तैयारियों को दर्शाता है, बल्कि राजद और कांग्रेस जैसी पारंपरिक विपक्षी पार्टियों के लिए भी एक चुनौती पेश कर सकता है।
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