दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को रेलवे टेंडर घोटाले से जुड़ी CBI की चार्जशीट में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव को आरोपी माना है। कोर्ट ने कहा कि लालू यादव की जानकारी में IRCTC के टेंडर में बड़े पैमाने पर साजिश हुई, जिसमें उनका हस्तक्षेप था और इस घोटाले से लालू परिवार को लाभ मिला। अब तीनों के खिलाफ मामला आगे चलेगा और अदालत में उनकी जवाबदेही तय की जाएगी।

यह मामला रांची और पुरी में स्थित IRCTC के दो होटलों के टेंडर में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है। CBI ने आरोप लगाया है कि इस घोटाले में भ्रष्टाचार हुआ, जिसमें भुगतान का एक बड़ा हिस्सा नकद किया गया। आरोपों के तहत IPC की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी केस दर्ज किया गया है।
इस फैसले के बीच, लालू यादव व्हीलचेयर पर कोर्ट पहुंचे, उनके साथ राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव भी थे। वहीं, लैंड फॉर जॉब मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखते हुए अगली तारीख 10 नवंबर निर्धारित की है। इस मामले में भी लालू परिवार के खिलाफ गंभीर आरोप हैं।

तेजस्वी यादव का तीखा जवाब
सुनवाई के बाद तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, “जब तक दंगाई और संविधान विरोधी बीजेपी सत्ता में है और मेरी उम्र है, तब तक बीजेपी से लड़ते रहेंगे। एक महीने पहले बिहार आकर गृह मंत्री अमित शाह ने धमकी दी थी कि हमें चुनाव लड़ने लायक नहीं छोड़ेंगे। हम लड़ेंगे और जीतेंगे। हम बिहारी हैं, बाहरी से नहीं डरते।”
तेजस्वी ने कहा कि वे कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे और अदालत के फैसले का सम्मान करेंगे। उन्होंने लालू यादव की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने रेलवे को 90,000 करोड़ रुपए का मुनाफा दिया, किराया घटाया और हार्वर्ड व IIM के छात्र उनसे सीखने आते थे। तेजस्वी ने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया और बिहार और देश की जनता पर भरोसा जताया कि वे सच्चाई जानती हैं।

आरोपों की गंभीरता
लालू यादव पर भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप हैं। वहीं राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120B (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप लगाए गए हैं। अगर ये आरोप साबित होते हैं, तो तीनों को 1 से 7 साल तक की सजा हो सकती है।
CBI ने आरोप लगाया है कि इस मामले में बड़ी रकम कैश में दी गई, जिससे ट्रैकिंग मुश्किल हो गई। CBI की चार्जशीट में IPC की धारा 120 (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी), 468 (फ्रॉडulent डॉक्यूमेंट), 467, 471 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराएं शामिल हैं।

राजनीतिक प्रभाव
यह फैसला बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले आया है, जो राजद के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। आरोपों से पार्टी के राजनीतिक पक्ष को नुकसान हो सकता है, खासकर तब जब विपक्ष इसे चुनावी हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है।
वहीं, लालू यादव के वकीलों ने इस मामले को चुनावी रणनीति और राजनीति से जोड़कर देखना गलत बताया है। उन्होंने कोर्ट पर भरोसा जताते हुए कहा कि कानूनी प्रक्रिया जारी रहेगी और सच सामने आएगा।
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