किशनगंज/बहादुरगंज — आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश भर में आचार संहिता लागू है, लेकिन इसी बीच बहादुरगंज विधानसभा सीट से AIMIM के उम्मीदवार तौसीफ आलम विवादों में घिर गए हैं। उनके आवास पर आयोजित एक बिरयानी भोज में भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे अफरा-तफरी मच गई और धक्का-मुक्की की नौबत आ गई। घटना के बाद यह मामला आचार संहिता के उल्लंघन के रूप में तूल पकड़ने लगा है।

भारी भीड़, धक्का-मुक्की, प्रशासन सकते में
मामला तब गरमाया जब तौसीफ आलम के आवास पर आयोजित दावत में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। बताया जा रहा है कि जैसे ही बिरयानी परोसी जाने लगी, लोगों में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया और मौके पर अफरा-तफरी फैल गई। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को काबू में लिया।

राजनीतिक आयोजन या पारिवारिक कार्यक्रम?
आरोप लगने के बाद मीडिया से बात करते हुए तौसीफ आलम ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि यह कोई चुनावी कार्यक्रम नहीं था, बल्कि उनके घर एक पारिवारिक आयोजन था। “मेरे घर पर नामकरण संस्कार के अवसर पर फातिहा ख्वानी रखी गई थी, और बिरयानी को प्रसाद के रूप में लोगों में बांटा गया था,” उन्होंने कहा।
आगे तौसीफ आलम ने बताया कि उन्होंने प्रशासन से 2000 लोगों के कार्यक्रम की अनुमति ली थी, लेकिन जनता के अपार स्नेह के कारण अधिक लोग आ गए, जिससे भीड़ पर काबू पाना मुश्किल हो गया।

चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग
हालांकि, विपक्षी दलों और कुछ स्थानीय संगठनों ने इसे सीधे तौर पर आचार संहिता का उल्लंघन बताया है और चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की है। कई लोगों का कहना है कि इस तरह के आयोजन से मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है, जो चुनावी नियमों के खिलाफ है।
नामांकन के एक दिन बाद हुआ आयोजन
गौरतलब है कि तौसीफ आलम ने गुरुवार को बहादुरगंज विधानसभा सीट से AIMIM उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया था। वे इससे पहले इस सीट से चार बार विधायक रह चुके हैं और इस बार पांचवीं जीत का दावा कर रहे हैं।
विपक्ष पर हमला, विकास कार्यों पर सवाल
नामांकन के बाद मीडिया से बातचीत में तौसीफ आलम ने महागठबंधन और भाजपा दोनों पर हमला बोलते हुए कहा कि “पिछले पांच वर्षों में बहादुरगंज क्षेत्र में कोई भी ठोस विकास कार्य नहीं हुआ है।”
उन्होंने मौजूदा विधायक पर भी आचार संहिता के दौरान शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित करने का आरोप लगाया और चुनाव आयोग से उसकी भी जांच की मांग की।
निष्कर्ष
तौसीफ आलम की इस दावत को लेकर जहां एक ओर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हैं, वहीं प्रशासन अब मामले की जांच में जुट गया है। यदि इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है, तो तौसीफ आलम की उम्मीदवारी पर भी असर पड़ सकता है। आने वाले दिनों में इस घटनाक्रम पर चुनाव आयोग का रुख अहम माना जा रहा है।
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