ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को ठाकुरगंज विधानसभा क्षेत्र के तुलसिया उच्च विद्यालय परिसर में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पार्टी के प्रत्याशी गुलाम हसनैन के समर्थन में वोट की अपील की और विपक्षी दलों, विशेष रूप से राजद नेता तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला।
सभा में हजारों की संख्या में लोग जुटे थे, जिन्होंने ओवैसी के भाषण पर तालियों और नारों से स्वागत किया। ओवैसी ने अपने संबोधन की शुरुआत बिहार की राजनीतिक स्थिति पर टिप्पणी करते हुए की। उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति में अब बदलाव का समय आ गया है और सीमांचल की आवाज़ अब दबाई नहीं जा सकेगी।

उन्होंने कहा, “जब 3.5 प्रतिशत आबादी वाला मल्लाह समुदाय का बेटा उपमुख्यमंत्री बन सकता है, तो 17 प्रतिशत मुस्लिम आबादी में से कोई मुख्यमंत्री क्यों नहीं? अब ओवैसी चुप नहीं रहेगा। सीमांचल के बेटे को मुख्यमंत्री बनाकर ही चैन लेगा।”
ओवैसी ने आगे कहा कि अब डरने की बारी उनकी नहीं, बल्कि उनके विरोधियों की है। उन्होंने कहा कि AIMIM अब सीमांचल ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार में मुसलमानों और वंचित तबकों के अधिकार की लड़ाई लड़ रही है।

🔹 बिहार की राजनीति पर तीखा प्रहार
ओवैसी ने तेजस्वी यादव और अन्य विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि उन्होंने वर्षों तक मुसलमानों का वोट लिया, लेकिन उन्हें राजनीतिक प्रतिनिधित्व नहीं दिया। उन्होंने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा, “1960 से 2020 तक बिहार के चुनावों में 17 प्रतिशत मुस्लिम आबादी होने के बावजूद केवल 8 प्रतिशत मुस्लिम उम्मीदवार ही विधानसभा तक पहुंचे। वहीं, 25 प्रतिशत दलित आबादी के 35 प्रतिशत उम्मीदवारों को टिकट मिला। यह क्या न्याय है?”
उन्होंने कहा कि AIMIM इस राजनीतिक असमानता और अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रही है, और जनता अब ऐसे नेताओं से सवाल पूछेगी जिन्होंने दशकों तक उन्हें सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया।

🔹 “ओवैसी शेर बनकर आया है”
अपनी जोशीली शैली में ओवैसी ने कहा, “अब ओवैसी शेर बनकर आया है। मैं डरने नहीं आया, अब डरने की बारी उनकी है जो मुसलमानों को सिर्फ चुनाव के वक्त याद करते हैं।”
सभा के अंत में ओवैसी ने लोगों से AIMIM प्रत्याशी गुलाम हसनैन को जीताने की अपील की और कहा कि यह चुनाव सिर्फ एक सीट का नहीं, बल्कि सीमांचल की पहचान और अधिकार की लड़ाई का चुनाव है।

🔹 AIMIM की सीमांचल रणनीति
गौरतलब है कि AIMIM ने इस चुनाव में सीमांचल क्षेत्र की कई सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं और पार्टी का मुख्य फोकस मुस्लिम वंचित वर्गों के अधिकारों की आवाज़ बुलंद करना है। ओवैसी की जनसभा से पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा गया, वहीं राजनीतिक जानकार इसे सीमांचल की सियासत में AIMIM की बढ़ती मौजूदगी का संकेत मान रहे हैं।
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