बिहार के सीमांचल की राजनीति इन दिनों गरमाई हुई है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने यहां अपना जनाधार मजबूत करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी सोमवार को लगातार दूसरे दिन पूर्णिया जिले के अमौर और बायसी विधानसभा क्षेत्रों में दो बड़ी चुनावी सभाएं करेंगे। इन रैलियों के जरिए AIMIM सीमांचल के मुस्लिम बहुल इलाकों में एक बार फिर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है।

दो प्रमुख सभाएं, सीमांचल पर फोकस
पहली जनसभा अमौर के विशनपुर हाई स्कूल मैदान में आयोजित की जाएगी, जबकि दूसरी सभा बायसी विधानसभा के डगरूआ प्रखंड स्थित हाई स्कूल हाट कैंपस में होगी। इन दोनों जनसभाओं में असदुद्दीन ओवैसी पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में वोट मांगेंगे और जनता से AIMIM को दोबारा मौका देने की अपील करेंगे।
अमौर से AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा विधायक अख्तरूल ईमान, जबकि बायसी से गुलाम सरवर मैदान में हैं। दोनों नेताओं ने पिछली बार जीत दर्ज की थी, और इस बार पार्टी सीमांचल में अपनी राजनीतिक जमीन को फिर से मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है।

ओवैसी के भाषणों में होंगे स्थानीय मुद्दे
AIMIM प्रमुख ओवैसी अपने भाषणों में सीमांचल के पिछड़ेपन, बेरोजगारी, पलायन, वक्फ संपत्ति के दुरुपयोग और सरकारी उपेक्षा जैसे मुद्दों को उठाएंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार, वे इस दौरान तेजस्वी यादव और महागठबंधन पर भी निशाना साधेंगे और मुस्लिम वोटरों को एकजुट कर AIMIM के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करेंगे।

‘गरीबों और युवाओं की आवाज’ बनने का दावा
AIMIM प्रत्याशियों ने कहा है कि पार्टी गरीबों, किसानों, मजदूरों और युवाओं की आवाज बनकर न्याय और समान अवसर की लड़ाई लड़ रही है। उनका दावा है कि सीमांचल के लोग AIMIM को एक ऐसी ताकत के रूप में देखते हैं, जो उनके वास्तविक मुद्दों को सदन तक पहुंचाती है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
दोनों जनसभाओं को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। सभा स्थलों और आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल और मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है। ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए विशेष प्लान बनाया गया है ताकि भीड़ और जाम की स्थिति न बने।
अमौर और बायसी: सीमांचल की हॉट सीटें
पूर्णिया की अमौर विधानसभा सीट सीमांचल की सबसे अहम सीटों में गिनी जाती है। यहां से AIMIM के अख्तरूल ईमान के सामने महागठबंधन (कांग्रेस) से अब्दुल जलील मस्तान और NDA (जदयू) से सबा जफर मैदान में हैं।
वहीं बायसी विधानसभा में AIMIM के गुलाम सरवर, महागठबंधन (राजद) के हाजी अब्दुस सुबहान, और NDA (भाजपा) के विनोद यादव के बीच मुकाबला है। दोनों ही सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है।
AIMIM की रणनीति और सीमांचल की सियासत
सीमांचल क्षेत्र (पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार) में AIMIM ने 2020 विधानसभा चुनाव में प्रभावशाली प्रदर्शन किया था। हालांकि, बाद में पार्टी के कई विधायक महागठबंधन में चले गए। अब 2025 के चुनाव में ओवैसी की रणनीति है कि वे दोबारा सीमांचल की राजनीति में AIMIM की जड़ें मजबूत करें और मुस्लिम मतदाताओं को एकजुट करें।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि ओवैसी सीमांचल में भीड़ और जनसमर्थन जुटाने में सफल रहते हैं, तो यह मुकाबला कई सीटों पर महागठबंधन और NDA दोनों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
संक्षेप में, पूर्णिया की अमौर और बायसी सीटों पर ओवैसी की सभाएं न केवल AIMIM के लिए राजनीतिक अस्तित्व की परीक्षा हैं, बल्कि यह सीमांचल की राजनीति में एक नए समीकरण की शुरुआत भी साबित हो सकती हैं।
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