बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण की वोटिंग से कुछ घंटे पहले राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है। महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर धमकी और दबाव डालने का गंभीर आरोप लगाया है। तेजस्वी का कहना है कि चुनाव से पहले केंद्रीय स्तर पर राजनीतिक हस्तक्षेप हो रहा है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए चुनौतीपूर्ण है।

इस गंभीर आरोप के बाद भाजपा बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने तेजस्वी के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि यह केवल हताशता और हार के बहाने का प्रयास है। जायसवाल ने कहा, “चुनाव की घोषणा के बाद सभी अधिकारी चुनाव आयोग के अधीन होते हैं। ऐसे में तेजस्वी यादव के आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं। सुरक्षा एजेंसाओं पर सवाल उठाना न केवल गलत है बल्कि लोकतंत्र और प्रशासनिक व्यवस्था के लिए भी शर्मनाक है।”

जायसवाल ने आगे कहा कि बिहार की जनता अब विकास और सुशासन की दिशा में आगे बढ़ रही है, न कि जंगलराज की पुरानी यादों में उलझी हुई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एनडीए की सरकार इस बार बहुमत के साथ राज्य में सत्ता में आएगी।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव से ठीक पहले इस तरह के आरोप और प्रतिक्रियाएं आम हैं, लेकिन जनता का रुख निर्णायक होगा। बिहार में सियासी तापमान बढ़ने के साथ ही सुरक्षा और प्रशासनिक एजेंसियों की भूमिका भी चर्चा में बनी हुई है।
बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में मतदाता अपनी पसंद का निर्णय देने के लिए तैयार हैं, और अब राज्य की राजनीति में अगले कुछ घंटों के भीतर ही चुनावी नतीजे का समीकरण स्पष्ट हो जाएगा।
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