किशनगंज: राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई, मारवाड़ी कॉलेज, किशनगंज द्वारा गुरुवार को ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ के अवसर पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने बढ़ती आबादी के दुष्प्रभावों के प्रति चेताया और जनसंख्या नियंत्रण के महत्व पर बल दिया।

प्रधावाचार्य प्रो. (डॉ.) संजीव कुमार ने अध्यक्षता करते हुए कहा, “पश्चिमी देशों का क्षेत्रफल बड़ा है, पर वहाँ की आबादी अपेक्षाकृत बहुत कम है। इसके विपरीत, भारत में क्षेत्रफल की तुलना में आबादी अधिक है। इसलिए, जनसंख्या नियंत्रण अत्यंत आवश्यक है।”
हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) सजल प्रसाद ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा, “आबादी बढ़ने के कारण बाप-दादा के बड़े-बड़े खेतों के छोटे-छोटे टुकड़े होते जा रहे हैं। बच्चों की अच्छी परवरिश देना माता-पिता का दायित्व है। इसलिए, उतने ही बच्चे अच्छे, जितने की अच्छी परवरिश की जा सके।”

अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) गुलरेज़ रौशन रहमान ने कहा, “शिक्षा और विकास का जितना प्रसार होगा, उतनी ही लोगों में जागरूकता बढ़ेगी और लोग जन्म नियंत्रण के महत्व को समझेंगे।”
एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. क़सीम अख़्तर ने सेमिनार का संचालन करते हुए बताया, “पूरे विश्व में हर साल बढ़ती आबादी को देखते हुए 11 जुलाई 1989 से जनसंख्या को नियंत्रित करने के उद्देश्य से विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की शुरुआत हुई।”
इस सेमिनार में दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष कुमार साकेत, गणित विभागाध्यक्ष देवाशीष डांगर, इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ. अश्विनी कुमार, बांग्ला विभागाध्यक्ष डॉ. श्रीकान्त कर्मकार, भौतिकी विभागाध्यक्ष डॉ. अनुज कुमार, अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. रमेश कुमार, राजनीति शास्त्र विभागाध्यक्ष संतोष कुमार समेत अन्य शिक्षकेतर कर्मी, एनएसएस स्वयंसेवक व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
