किशनगंज– मंगलवार को किशनगंज जिले में एक बड़ा रेल हादसा टल गया जब सिलीगुड़ी से मालदा जा रही पैसेंजर ट्रेन (नंबर 75720) के इंजन में अचानक आग लग गई। हादसा किशनगंज-कटिहार रेल डिवीजन के अंतर्गत आने वाले गायसल रेलवे स्टेशन पर हुआ। आग की खबर मिलते ही ट्रेन में मौजूद करीब 1500 यात्रियों में अफरातफरी मच गई, लेकिन जागरूकता और त्वरित प्रतिक्रिया की वजह से पांच मिनट के भीतर पूरी ट्रेन खाली कर दी गई और किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।

कैसे लगी आग?
प्रत्यक्षदर्शियों और रेलवे सूत्रों के अनुसार, जैसे ही ट्रेन गायसल स्टेशन पर पहुँची, उसके इंजन से धुआं उठता दिखाई दिया। धीरे-धीरे आग ने विकराल रूप ले लिया। आनन-फानन में ट्रेन रोकी गई और यात्रियों को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।

यात्रियों की सूझबूझ ने टाला बड़ा हादसा
ट्रेन में सवार राकेश कुमार ने बताया कि जैसे ही इंजन से आग की लपटें दिखीं, यात्रियों ने शोर मचाना शुरू किया और तुरंत स्थानीय प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई। “आधे घंटे बाद दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने का काम शुरू हुआ,” उन्होंने बताया।
परगना बेगम, जो ट्रेन में यात्रा कर रही थीं, ने कहा – “हम जैसे ही चिल्लाने की आवाज सुनी, तुरंत समझ गए कि कुछ बड़ा हुआ है। लोग ‘आग लगी है, भागो!’ चिल्ला रहे थे। हमने भी जल्द से जल्द ट्रेन से बाहर निकलने में ही भलाई समझी।”
सुनीता कुमारी ने बताया कि वो जैसे ही ट्रेन से बाहर निकलीं, आसपास खड़े यात्रियों की मदद से अपने सामान को भी बाहर निकालने में सफल रहीं। “अब हम लोग बस पकड़कर अपने घर जाएंगे,” उन्होंने कहा।

राहत व बचाव कार्य
रेलवे कर्मचारी, स्थानीय पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने संयुक्त रूप से आग बुझाने का कार्य किया। करीब 1 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया।
रेलवे की प्रतिक्रिया
किशनगंज RPF इंस्पेक्टर इंचार्ज एचके शर्मा ने बताया कि “घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। आग को फायर ब्रिगेड की मदद से नियंत्रित कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है कि इंजन में आग लगने का कारण क्या था।”
यात्री अब बस से कर रहे हैं सफर
हादसे के बाद अधिकांश यात्रियों ने ट्रेन यात्रा छोड़ दी। चूंकि NH-27 (राष्ट्रीय राजमार्ग 27) स्टेशन के पास ही है, यात्री बस या अन्य निजी वाहनों की मदद से किशनगंज और अन्य गंतव्यों के लिए रवाना हो गए।
जांच के आदेश
रेलवे विभाग ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। यह पता लगाया जा रहा है कि इंजन में आग तकनीकी खराबी के कारण लगी या किसी अन्य वजह से।
निष्कर्ष
इस हादसे में किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं होना यात्रियों की सजगता और बचाव टीम की तत्परता का परिणाम है। यदि आग ट्रेन चलने के दौरान लगती, तो यह घटना बड़े हादसे का रूप ले सकती थी।
रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
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