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पूर्णिया में संदिग्ध बुखार से 4 साल की बच्ची की मौत

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पूर्णिया: जिले के चंपानगर थाना क्षेत्र के सिंघिया गांव में एक 4 वर्षीय मासूम बच्ची की संदिग्ध बुखार से मौत हो गई है। बच्ची की पहचान मोनू कुमार साह की बेटी दुर्गा कुमारी के रूप में हुई है। यह इस सीजन में वायरल फीवर से मौत का पहला मामला है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।

पूर्णिया में संदिग्ध बुखार से 4 साल की बच्ची की मौत
पूर्णिया में संदिग्ध बुखार से 4 साल की बच्ची की मौत

लीची खाने के बाद बिगड़ी हालत

परिजनों का दावा है कि बच्ची ने करीब एक सप्ताह पहले लीची खाई थी, जिनमें से कुछ लीचियां खराब और संभवतः संक्रमित थीं। अगली सुबह बच्ची को तेज बुखार और शरीर में जकड़न की शिकायत हुई। परिवार वाले उसे तत्काल पूर्णिया के लाइन बाजार स्थित एक प्राइवेट अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां बच्ची का इलाज करीब एक सप्ताह तक चला, लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।

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लक्षणों में ‘चमकी बुखार’ की झलक

बच्ची को लगातार तेज बुखार, सांस लेने में परेशानी, शरीर में ऐंठन जैसी गंभीर लक्षण हो रहे थे। परिजनों ने बताया कि प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर इन लक्षणों को ठीक से नहीं समझ पाए और स्थिति बिगड़ती गई। जब स्थिति अधिक गंभीर हो गई, तो बच्ची को तत्काल GMCH पूर्णिया रेफर किया गया।

GMCH के बच्चा वार्ड में बच्ची को भर्ती किया गया। परिजनों का कहना है कि वहां मौजूद महिला नर्सों ने बच्ची में ‘चमकी बुखार’ (AES – Acute Encephalitis Syndrome) जैसे लक्षणों की आशंका जताई। करीब दो घंटे तक इलाज के बाद डॉक्टरों ने बच्ची को SKMCH मुजफ्फरपुर रेफर कर दिया, जो राज्य में AES के मामलों के इलाज के लिए प्रमुख अस्पताल माना जाता है।

अस्पताल पहुंचने से पहले मौत

परिजन जब बच्ची को लेकर मुजफ्फरपुर रवाना हुए, तब तक उसकी हालत बेहद नाजुक थी। दुर्भाग्यवश, SKMCH पहुंचने से पहले ही रास्ते में बच्ची की मौत हो गई। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मेडिकल रिपोर्ट में मैनिंगो इंसेफ्लाइटिस की पुष्टि

प्रारंभिक मेडिकल रिपोर्ट में बच्ची के मस्तिष्क में मैनिंगो इंसेफ्लाइटिस (Meningoencephalitis) होने की पुष्टि हुई है। यह एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल संक्रमण है, जो मस्तिष्क और उसके आसपास के ऊतकों को प्रभावित करता है और अक्सर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के चलते होता है। हाल के वर्षों में यह देखा गया है कि लीची खाने और खाली पेट रहने वाले बच्चों में इस प्रकार की बीमारी की संभावना बढ़ जाती है।

ग्रामीणों में डर का माहौल

इस दुखद घटना के बाद सिंघिया गांव और आसपास के इलाकों में भय का माहौल है। लोग लीची खाने से परहेज कर रहे हैं और बच्चों को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि इलाके में मेडिकल टीम भेजकर जांच की जाए और संभावित संक्रमण को फैलने से रोका जाए।

स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर

स्वास्थ्य विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया है और बच्ची की मौत के कारणों की गहन जांच की जा रही है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि चमकी बुखार और मैनिंगो इंसेफ्लाइटिस को लेकर विशेष निगरानी शुरू की गई है।

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