जन सुराज अभियान के नेता प्रशांत किशोर ने बिहार के कटिहार जिले के प्राणपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राज्य की मौजूदा राजनीति और नेतृत्व पर तीखे सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता वर्षों से मंदिर और जाति के नाम पर मतदान करती आई है, लेकिन बच्चों की शिक्षा और युवाओं के रोजगार को कभी प्राथमिकता नहीं दी।

“मंदिर और जाति के लिए मिला वोट, लेकिन बच्चों के लिए नहीं”
प्रशांत किशोर ने कहा, “आपने मंदिर के नाम पर वोट दिया, वो बन गया। जाति के नाम पर वोट दिया तो नीतीश कुमार ने जाति जनगणना भी करवा दी। लेकिन जब बात आपके बच्चों की पढ़ाई और उनके भविष्य की आती है, तो वोट नहीं देते। इसीलिए आज आपके बच्चे गुजरात की फैक्ट्रियों में मजदूरी कर रहे हैं।”

“9वीं पास बेटे को राजा बना रहे लालू”
उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू यादव पर भी सीधा हमला बोला और कहा, “लालू जी अपने 9वीं पास बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, जबकि बिहार के पढ़े-लिखे नौजवान बेरोजगार घूम रहे हैं। ये कैसा न्याय है?”

सीमांचल और बिहार के विकास पर सवाल
प्रशांत किशोर ने सीमांचल क्षेत्र की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि यहां के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। हजारों गांवों का दौरा करने के बाद उन्होंने पाया कि बच्चे बिना चप्पल और कपड़ों के हैं, और युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा।
उन्होंने कहा, “लोगों को मुफ्त का राशन और बिजली देकर उनका भविष्य छीना जा रहा है। रोजगार और शिक्षा की बात कोई नहीं करता।”
मोदी सरकार की रैलियों पर भी निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों को लेकर भी किशोर ने आलोचना की। उन्होंने कहा कि “इन रैलियों पर सैकड़ों करोड़ खर्च हो जाते हैं, लेकिन न कोई चीनी मिल चालू होती है, न कोई फैक्ट्री लगती है, और न ही स्कूल-कॉलेजों में सुधार होता है।”
“अब वोट नहीं, बदला होगा”
प्रशांत किशोर ने कहा कि जनता अब जाग चुकी है। उन्होंने चेतावनी दी कि “नीतीश कुमार, भाजपा और लालू यादव की पार्टियां अब बेरोजगार हो जाएंगी। इस बार वोट नहीं, बदलाव और बदला होगा।”
निष्कर्ष:
प्रशांत किशोर का यह संबोधन बिहार की राजनीति में एक नई बहस को जन्म देता है — मुद्दा आधारित राजनीति बनाम जाति-धर्म आधारित राजनीति। वे युवाओं को मुख्यधारा में लाकर शिक्षा और रोजगार की राजनीति को केंद्र में लाना चाहते हैं।
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