किशनगंज, बिहार:
बिहार में ‘जनसुराज’ की यात्रा पर निकले प्रशांत किशोर ने किशनगंज जिले में आयोजित एक जनसभा के दौरान सियासी पारा चढ़ा दिया। बुधवार शाम बेलवा में आयोजित एक बड़ी सभा में प्रशांत किशोर ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल पर बेहद तीखा और विवादास्पद बयान दिया, जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई है।
सभा के दौरान किशोर ने ना सिर्फ सत्तारूढ़ एनडीए बल्कि विपक्षी दल राजद पर भी बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है और “जनसुराज” उसी दिशा में एक आंदोलन बन चुका है।
प्रशांत किशोर का तीखा हमला: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को मंच से दी चुनौती
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर सीधा हमला
प्रशांत किशोर ने किशनगंज के रहने वाले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप कुमार जायसवाल पर सीधे शब्दों में हमला बोला। उन्होंने कहा:
“दिलीप कुमार जायसवाल अपने आपको बहुत बाहुबली समझता है। देखिए, हम आपके सामने खड़े हैं, बिना सिपाही-दरोगा के चलते हैं। पटना से बोलने के बाद अब किशनगंज भाग आया है। तीन महीना का समय रखिए, दौड़ा-दौड़ा कर मारा जाएगा इनको।”
उनका यह बयान सभा में मौजूद लोगों को चौंका गया। किशोर ने दावा किया कि जनता का पैसा लूटने वाले अब डर रहे हैं कि अगर जनसुराज सत्ता में आया तो इनकी ‘खैर नहीं’।
प्रशांत किशोर का तीखा हमला: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को मंच से दी चुनौती
“कॉलेज कब्जा कर रखा है, छोड़ेंगे नहीं”
प्रशांत किशोर ने आगे आरोप लगाया कि डॉ. दिलीप जायसवाल ने किशनगंज में एक कॉलेज पर अवैध कब्जा कर रखा है और पिछले कई दिनों से जवाब नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा:
“किशनगंज में बोलकर जा रहे हैं, पिछले 15-20 दिन से मूर्छित होकर पड़ा है, कोई जवाब नहीं दे रहा। कॉलेज कब्जा करके बैठा है, छोड़ेंगे नहीं… आप यकीन रखिए, छोड़ेंगे नहीं।”
प्रशांत किशोर का तीखा हमला: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को मंच से दी चुनौती
राजनीतिक गलियारों में हलचल
प्रशांत किशोर के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में उबाल आ गया है। कई भाजपा नेताओं ने इसे अशोभनीय, असंवैधानिक और धमकीभरा बयान करार दिया है। सोशल मीडिया पर इसे लेकर बहस शुरू हो गई है — कुछ लोग किशोर की ‘बोलने की आजादी’ का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ इसे ‘गिरता हुआ स्तर’ बता रहे हैं।
कानूनी कार्रवाई की संभावना?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष या पार्टी इस बयान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करती है या नहीं। प्रशांत किशोर का यह बयान चुनावी रणनीतिकार से राजनेता की उनकी नई भूमिका में एक बड़े जोखिम भरे कदम के रूप में देखा जा रहा है।
जनसुराज यात्रा के क्या मायने?
प्रशांत किशोर पिछले कुछ महीनों से ‘बिहार बदलाव यात्रा’ के तहत राज्य के अलग-अलग जिलों का दौरा कर रहे हैं। उनका उद्देश्य जनता से सीधा संवाद कर राज्य में एक नया राजनीतिक विकल्प तैयार करना है। उनका दावा है कि जनसुराज एक राजनीतिक पार्टी नहीं, बल्कि बिहार की आत्मा की पुकार है।
निष्कर्ष:
प्रशांत किशोर का यह भाषण न सिर्फ उनके राजनीतिक तेवरों को दर्शाता है, बल्कि आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति को और गरमाएगा। भाजपा की प्रतिक्रिया और जनता का रुख तय करेगा कि यह आक्रामकता जनसुराज को कितना लाभ या नुकसान पहुंचाएगी।