किशनगंज जिला मुख्यालय स्थित टाउन हॉल के सामने पिछले चार दिनों से जारी जिला परिषद सदस्य नासिक नदीर का आमरण अनशन रविवार को समाप्त हो गया। अनशन का समापन ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रदेश अध्यक्ष और कोचाधामन से विधायक अख्तरुल ईमान ने जूस पिलाकर कराया।
नासिक नदीर ने यह अनशन जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे से जुड़ी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर शुरू किया था। उन्होंने कहा कि ये सभी मांगे जनता की जरूरतों से सीधा जुड़ी हैं, जिन्हें लंबे समय से अनदेखा किया जा रहा है।

क्या थीं प्रमुख मांगें?
- शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाना और सभी स्कूलों में योग्य शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित करना।
- बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) के अंतर्गत अंग्रेजी विषय को अनिवार्य करना।
- कोचाधामन प्रखंड में अग्निशमन वाहन की तैनाती ताकि आपात स्थिति में फायर ब्रिगेड समय पर पहुंच सके।
- किशनगंज में कैंसर अस्पताल की स्थापना ताकि गंभीर रोगियों को इलाज के लिए दूर न जाना पड़े।
- जिले में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम का निर्माण, जिससे स्थानीय खिलाड़ियों को सुविधाएं मिल सकें।
- जिला परिषद योजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार पर कठोर कार्रवाई और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग।
- महानंदा, मेची, डॉक, रतुआ और कोल नदियों पर बांध निर्माण की आवश्यकता ताकि बाढ़ और कटाव की समस्या से निजात मिले।
- पूर्णिया में उच्च न्यायालय की बेंच की स्थापना, जिससे सीमांचल के लोगों को न्याय के लिए पटना नहीं जाना पड़े।
- आधार कार्ड के आधार पर सीमांचल को SIR (Special Investment Region) में शामिल करने की मांग, जिससे क्षेत्र का औद्योगिक विकास हो सके।
- बेहतर आधारभूत ढांचे की स्थापना ताकि नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं सुलभ हो सकें।
AIMIM प्रदेश अध्यक्ष ने दी प्रतिक्रिया
रविवार को अनशन स्थल पर पहुंचे AIMIM प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने अनशनकारी नासिक नदीर से मुलाकात की और उनकी मांगों को “पूर्णतः जायज़ और जनहित से जुड़ी” बताया। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को लेकर राज्य और जिला प्रशासन को शीघ्र सकारात्मक कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा, “ये मांगे किसी व्यक्ति विशेष की नहीं, बल्कि पूरे सीमांचल क्षेत्र की आवाज़ हैं। सरकार को इस ओर संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।”

समर्थकों ने किया प्रदर्शन
अनशन के दौरान नासिक नदीर के सैकड़ों समर्थकों ने टाउन हॉल के सामने धरना प्रदर्शन और नारेबाजी की। उन्होंने मांगों को लेकर बैनर-पोस्टर लेकर प्रशासन से जवाबदेही की मांग की। कई सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने भी नदीर के समर्थन में आगे आकर अनशन स्थल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

प्रशासन ने दिया आश्वासन
जिला प्रशासन के अधिकारियों ने अनशन समाप्ति के बाद नासिक नदीर को आश्वासन दिया कि उनकी सभी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाएगा और संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे। हालांकि, अभी तक किसी ठोस कार्यवाही की घोषणा नहीं हुई है।
अनशनकारी की प्रतिक्रिया
अनशन समाप्त करने के बाद मीडिया से बात करते हुए नासिक नदीर ने कहा, “यह अनशन किसी राजनीतिक स्वार्थ के लिए नहीं, बल्कि जनता की आवाज़ को उठाने के लिए था। मैं चाहता हूं कि किशनगंज और सीमांचल के लोगों को वे सुविधाएं मिलें, जिनका वे हकदार हैं।”
निष्कर्ष:
किशनगंज में चार दिनों तक चला यह अनशन न केवल स्थानीय प्रशासन के लिए एक चेतावनी है, बल्कि यह दिखाता है कि सीमांचल क्षेत्र के लोग अब बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर संगठित हो रहे हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन और सरकार इस जन आंदोलन पर क्या ठोस कार्रवाई करते हैं।
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